गांव में जाने की 2 किमी सड़क बुरी तरह क्षतिग्रस्त..बड़े बड़े खड्डे,ग्रामीण परेशान
गिट्टी क्रेशर के ओवरलोड डंपरों के चलने से अत्यधिक क्षतिग्रस्त हुई सड़क,गड्ढों में तब्दील
8 वर्ष बाद भी खामोर अमरतिया अति आवश्यक सड़क बनी हुई है राहगीरों की गले की फांस,कई बार प्रस्ताव भेजने के बाद भी डीएमएफटी से नहीं मिली स्वीकृति।
शाहपुरा@(किशन वैष्णव )पीडब्ल्यूडी की स्वीकृत हुई नई राज्यास से खामोर के एनीकट तक डामरीकरण सड़क बनाकर तैयार कर दी गई है लेकिन गांव में जाने का 2 किमी सड़क बुरी तरह खस्ताहाल में है जो राहगीरों के लिए गले की फांस बनी हुई है।उसकी कोई जनप्रतिनिधि और अधिकारी सुध नहीं ले रहा है।जिससे ग्रामीण बुरी तरह परेशान।गिट्टी क्रेशर के ओवरलोड डंपरों के गुजरने से बारिश में बड़े बड़े खड्डे हो गए हैं जिसमें आए दिन आमजन को दुर्घटनाओं का डर बना रहता है।गड्ढों में पानी भरा हुआ है आमजन कीचड़ और गड्ढों से बड़ी मुश्किल से गुजर रहे है।नई राज्यास रोड पर करेशिया का खेड़ा है जो खामोर ग्राम पंचायत के अधीन आता है वहां के किसानों का सरस डेयरी में दूध देने के लिए ओर ग्रामीणों का खामोर आवागमन रहता है।वही स्कूल आने जाने के लिए छात्र छात्राओ का एकमात्र रास्ता भी वही है तथा खामोर के बाशिंदों का राष्ट्रीय राजमार्ग भीम उनियारा नेशनल हाइवे 148डी पर जाने के लिए भी एकमात्र वही रास्ता है जो करीब 2 किलोमीटर तक खस्ताहाल है। गिट्टी क्रेशर के ओवरलोड डंपरो के गुजरने से धूल उड़ती है जिससे बीमारियों का घर करने की आशंका है। गड्ढों और कीचड़ से ग्रामीण व आमजन परेशान हैं। पी डब्ल्यू डी ने आधी स्वीकृति सड़क बनाकर छोड़ दी आगे की सड़क स्वीकृत नहीं हुई।आमजन ओर ग्रामीण सड़क निर्माण परेशानी से निजात
की आस लगाए बैठे हैं।
8 वर्ष से खामोर अमरतिया सड़क डामरीकर की लगातार उठ रही मांग..2017 में कृषिमंडी गुलाबपुरा से बनी सड़क 6 माह में टूटी थी।
खामोर और अमरतिया 3.5 किलोमीटर सड़क 8 वर्षो से बुरी तरह से खस्ताहाल में हैं।खामोर सहित दर्जनों गांवों के लोग अंगुचा माइंस व गुलाबपुरा ,विजयनगर इसी रास्ते से होकर गुजरते हैं।2017 में 52 लाख रुपयों की लागत से बनी सड़क 6 माह बाद ही बुरी तरह से जगह जगह से टूट चुकी थी उस समय ग्रामीणों ने खराब मटेरियल का उपयोग करने का भी आरोप लगाया था।8 वर्ष से राहगीर परेशान हैं।8 वर्ष से आमजन की इस बड़ी समस्या की ओर किसी राजनेता व जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया है।गुलाबपुरा विजयनगर व अंगुचा माइंस जाने वाले लोगों को या तो नई राज्यास राष्ट्रीय राजमार्ग से होकर गुजरना पड़ता है या खामोर से डाबला होकर जाना पड़ता है।कई बार इस खस्ताहाल सड़क के बड़े बड़े खड्डे से दुर्घटनाएं भी हुई है लेकिन फिर भी राजनेताओं और अधिकारियों का दिल नहीं पसीजा।खामोर से घराटा और शाहपुरा जाने वाली सड़क भी खस्ताहाल हो गई है।रिकॉरपेट की मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है।
पीडब्ल्यूडी ने डीएमएफटी में भेजे प्रस्ताव लेकिन नहीं मिली स्वीकृति।
खामोर से अमरतिया 3.5 किमी सड़क डामरीकारण की मांग को लेकर ग्रामीणों ने कई बार जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया है।लेकिन किसी ने आंजन की समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया।खेजड़ी चौराहे से अमरतिया तक 4 मिली स्वीकृत हुई सड़क का हाल ही में डामरीकरण हो गया है लेकिन खामोर से अमरतिया 3.5 किमी सड़क वर्षों से ठंडे बस्ते में पड़ी है।आमजन की समस्या को ध्यान में रखते हुए पी डब्ल्यू डी के तत्कालीन एईएन हरिशंकर वर्मा ने डीएमएफटी में स्वीकृति के लिए भेजी थी लेकिन स्वीकृत नहीं हुई।उसके बाद भी विभाग द्वारा दिनों सड़को की निर्माण की स्वीकृति भेज रखी है लेकिन स्वीकृत नहीं हुई।खामोर अमरतिया खस्ताहाल सड़क पूर्व में तो गुलाबपुरा और शाहपुरा पीडब्ल्यूडी के भंवर में फंसी थी और अब डीएमएफटी से स्वीकृत नहीं हो रही।
इनका कहना।
नई राज्यास से खामोर डामरीकरण के दौरान 2 किलोमीटर की शेष सड़क व खामोर से अमरतिया सड़क डामरीकरण का प्रस्ताव भेजा हुआ है स्वीकृत हो जाएगा।
शहजाद खान
एक्सईएन, पीडब्ल्यूडी शाहपुरा