ओम जैन
स्मार्ट हलचल|कहते है वक्त का हर क्षण और रक्त का हर कण अमूल्य होता है, ओर ऐसा ही करके दिखाया बिजयपुर की एक लाडली बिटिया भव्या वैष्णव ने। उसे इतंजार था तो बस इसी समय का कि कब मैं 18 वर्ष पूर्ण करू ओर रक्तदान कर पाउ ओर मंगलवार को जैसे ही अपने जीवन के 18 बरस पूर्ण हुए कि जो जज्बा रक्तदान का पिता और माँ में है वही बेटी ने भी जिंदा कर दिखाया।
बता दे कि बिजयपुर निवासी दिनेश वैष्णव जो देशभर में रक्तदान करने, करवाने ओर दिलवाने में अपनी एक अलग ही पहचान रखते है, जो नाम के मोहताज भी नही, आज उन्ही की बेटी भव्या का जन्मदिन था तो 18 वर्ष पूर्ण होते ही जीवन का पहला रक्तदान कर अपने जीवन को एक नई दिशा दी।
इस अवसर पर भव्या ने खास बातचीत में हमे बताया कि रक्तदान के प्रति लोगो मे जो भ्रांतियां है हमे उनको दूर करने की आवश्यकता है, जो भ्रांतियां पालकर बैठे रहते वो जरूरत पड़ने पर हाथ फैलाते रह जाते है और जो रक्तदान के प्रति जागरूक हो जाते वो लोगों की जान बचाते है, मेने भी मेरे पापा मम्मी से प्रेरित होकर आज मेरे जीवन का पहला रक्तदान किया बहुत अच्छा लगा, सभी युवाओ से भी रक्तदान करने की अपील करती हूं।
इस मौके जिला अस्पताल पहुचं जहा भव्या ने अपने 18वें जन्मदिन पर पहली बार रक्तदान किया वही पिता दिनेश वैष्णव बिजयपुर ने 36 वी बार रक्तदान किया, माँ कृतिका वैष्णव ने 9 वी बार तो वही मामा सुमित वैष्णव ने तीसरी बार रक्तदान किया।