खूनी सड़क हादसे में 10 लोगों की दर्दनाक मौत
किसी ने खो दिया पिता तो किसी के घर का बुझ गया इकलौता चिराग!
दृश्य देख आंसुओं से भर गईं हर किसी की आंखें…
(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले की कछवां बाजार थाना अंतर्गत कटका गांव स्थित नेशनल हाईवे पर शुक्रवार की आधी रात को एक बेकाबू ट्रक ने मजदूरों से भरी ट्रैक्टर ट्रॉली में जोरदार टक्कर मार दिया,जिसमें मिर्जामुराद(वाराणसी)के रामसिंहपुर बीरबलपुर गांव स्थित दलित बस्ती के 10 लोगों की घटना स्थल पर ही मौत हो गई।जबकि तीन लोग ट्रामा सेंटर में भर्ती करा उपचार जारी हैं।
इस हादसे की सूचना मिलते ही पूरे गांव में कोहराम मच गया। चारों ओर रोना धोना चीख-पुकार सुनाई दे रहा था। लिफ्ट मिक्चर मशीन (ढलाई मशीन) के मालिक भानु प्रताप की 4 वर्ष पहले शादी हुई थी। भानु दो भाइयों में बड़ा था था। इनको 2 वर्ष की एक बेटी (पीहू) है। पत्नी शशि व मां रीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
बताया जाता है कि मृतक विकास कुमार तीन भाइयों में सबसे बड़ा और अविवाहित है। स्नातक की पढ़ाई के साथ ही मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था। मृतक की मां अनीता का रो-रोकर बुरा हाल रहा।
परिजनों में मचा कोहराम
अनिल कुमार चार भाइयों में सबसे बड़ा व सूरज छोटा भाई था। दोनों सगे भाई बताए गए। पिता हुबलाल खेती का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते है। छोटा बेटा सूरज दिल्ली में रहकर किसी प्राइवेट कम्पनी में जॉब करता है। 25 दिन पहले वह घर आया था।
पिता हुब लाल ने बेटे की शादी करने को घर बुला लिया था। बड़े बेटा अनिल कुमार को आकाश (10) व अमित (8) नामक दो बेटे हैं। मृतक की पत्नी लक्ष्मी की 5 वर्ष पूर्व मौत हो चुकी है। इस हादसे के कारण इन दोनों बच्चों के सिर से माता-पिता का साया उठ गया।
मृतक रोशन कुमार दो भाई एक बहन में सबसे छोटा रहा। वह कक्षा 9 का छात्र बताया गया। पिता दीनानाथ फेरी का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मा मंजू सूचना मिलते ही घटना स्थल पर पहुंच गईं।
मृतक अरुण कुमार पुत्र मुन्ना लाल दो भाइयों में बड़ा था। अरुण का 3 वर्ष पूर्व विवाह हुआ था। निहाल (3) व अरमान (8 माह) दो बेटे है। नाना बाबा राम का रो-रो कर बुरा हाल रहा। अरुण कुमार अपने ननिहाल में नवासा पर रहकर काम कर अपने नाना का देखभाल करता था।
गुजरात की एक कंपनी में काम करने वाला था मृतक
मृतक प्रेम कुमार गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य (बीडीसी) रहे। ये भी मजदूरी का काम करते थे। ये तीन बेटे व एक बेटी के पिता हैं। प्रेम कुमार तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। मृतक की पत्नी विमला देवी का रो-रो कर बुरा हाल रहा।
ट्रैक्टर चालक मृतक सनोहर कुमार अपने पिता का इकलौता पुत्र है, जो अविवाहित था। उसकी दो बहनें हैं। पिता नंदू लाल मजदूरी का काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। मृतक नितिन चार भाइयों पर तीसरे नंबर पर था, जो 11वीं का छात्र हैं। पिता दौलत राम मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
राकेश कुमार उर्फ मुन्ना तीन माह पूर्व अपने घर आया था, जो इधर उधर मजदूरी कर अर्थोपार्जन करता था। पिता कन्हैया लाल का इकलौते पुत्र था। तीन वर्ष पूर्व राकेश का विवाह हुआ था। पत्नी पूजा देवी का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक चार बहनों में इकलौता भाई था।
राकेश को एक बेटा (मयंक) है, जिसका 24 अक्टूबर को पहला जन्मदिवस मनाने की तैयारी चल रही थी। कार्यक्रम संपन्न होने के पहले ही पिता का साया उठ गया। इसीलिए गुजरात न जाकर राकेश इधर-उधर काम करता था।