मांगों पर चर्चा कर जल्द कार्यवाही का आश्वासन दिया
स्मार्ट हलचल टोंक/किसानों द्वारा विभिन्न मांगों के लिए लगातार प्रयास करने के उपरांत भी गम्भीरता पूर्वक जांच एवं उच्चाधिकारियों को अवगत तक नहीं करवाना तथा निम्न बिंदुओं पर ध्यानाकर्षण एवं समाधान कराने हेतु। सरसों सत्याग्रह के माध्यम से टोंक जिले के सरसों उत्पादक किसानों ने 6000 रूपये क्विंटल दाम तय किया है।न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरसों की तत्काल खरीद आरम्भ करना एवं खरीद 40 क्विंटल प्रति किसान किया जाना अपरिहार्य इसके लिए कलेक्टर से किसानों ने राजफैड को प्रस्ताव भेजें की मांग रखी। इसी प्रकार 1.राजस्थान कृषि उपज मंडी कानून में परिवर्तन करके न्यूनतम समर्थन मूल्य को गारंटी कानून बनाया जाये।
2.कृषि उपज मंडी समिति निवाई सचिव द्वारा किसानों के विरुद्ध कार्य एवं किसानों के हितों में चलाई जा रही भारत सरकार एवं राज्य सरकार की योजना में लाभान्वित महिला कृषक के विरुद्ध षड्यंत्र, उच्चाधिकारियों के आदेशों की पालना नहीं करना,प्लैटफॉर्म पर स्थाई अतिक्रमणों का सहयोग करना एवं 50 किलों वज़न पर 200 -300 ग्राम अधिक वजन लेने को नहीं रोकना, मार्च 2024 की मजदूरी दर वृद्धि किसान के पक्ष में लागू करना एवं व्यापारियों के पक्ष लागू नहीं करना पक्षपातपूर्ण रवैए को रोकना,बिना परमिशन के ही नियमों के विरुद्ध पार्क एवं मंडी परिसर के हरे-भरे वृक्षों को कटाना,बिना चिन्हांकन के ही मंडी परिसर में नये कार्य करवाना,पक्का निर्माण हटाने की उच्च स्तरीय अनुमति तक नहीं ली गई,कृषक विश्राम की अव्यवस्थाओं , मंडी परिसर में शौचालय की व्यवस्था एवं अन्य मांगों को लेकर 10 दिसम्बर 2024 को जिला कलेक्टर मुख्यालय पर एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर के मंडी सचिव के निलंबन की मांग की गई जिसकी जांच 7 दिवसों में उपखंड अधिकारी निवाई को जांच के आदेश दिए परन्तु अब तक भी बिना भेदभाव के जांच नहीं हों सकीं जिससे जिला कलेक्टर महोदया पर प्रश्न चिन्ह खड़ा हो रहा है।
3.ईसरदा बांध का निर्माण ईआरसीपी में किया जा रहा है, ईआरसीपी में 2.80 लाख हैक्टेयर भूमि सिंचित की बात कहीं गई।टोंक जिले के 39 गांव प्रभावित होंगे निवाई,पीपलू,टोंक तहसील के वंचित गांवों को नहरों द्वारा पानी दिया जायें जिसके के प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेजा जायें। 4.बिसलपुर बांध में 8 टीएमसी पानी किसानों के लिए आरक्षित हैं जब बांध में पानी कम होता है तों किसानों के पानी में ही कटौती होती तथा जब बांध सम्पूर्ण भर जाता है तों भी 8 टीएमसी ही पानीं दिया जाता है। जिला कलेक्टर टोंक की अध्यक्षता में बैठक आयोजित हुई।जिसमें कलेक्टर महोदया द्वारा सम्पूर्ण बांध भरने पर 9 टीएमसी एवं बांध में पानी कम आने पर किसानों के हकों का ही पानी कम नहीं होकर पक्षपात रहित कार्यवाही के लिए जिला कलेक्टर द्वारा राजस्थान सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा। 5.बिसलपुर बांध पर बिसलपुर विस्थापितों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना जिसमें बिजली,सड़क,पानी शिक्षा,चिकित्सा उपलब्ध कराई जायें। 6.ईसरदा बांध डूब क्षेत्र किसानों को मुआवजा 2014 के स्थान पर वर्तमान (2025) डी एल सी का चार गुना मुआवजा दिया। मालियों की झोपड़ियों की ज़मीन को खुर्द-बुर्द नहीं करे।कम्पनी के पास 3.50 लाख स्क्वायर मीटर मिट्टी होने के उपरांत भी किसानों की फसलों को बर्बाद करने के लिए प्रशासन पर दबाव बनाया जा रहा है। 25 जनवरी 2024 से अब-तक उनके पुनर्वास और पुनर्व्यवस्थापन, उचित प्रतिकार की व्यवस्था नहीं की गई।जबकि बार बार प्रशासन के साथ बैठक आयोजित होने के उपरांत भी किसान हितों आवश्यक कार्यवाही नहीं हों रहीं हैं। 7.किसान महापंचायत के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामपाल जाट को ईसरदा बांध के लिए उच्चस्तरीय बैठक या मंत्री स्तरीय बैठक की सहमति हुई। 2 माह के उपरांत भी अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई। 8.किसानों के साथ लुट करने वालें ऊर्वरक विक्रेताओं जिन्होंने यूरिया उर्वरक, डी.ए.पी. उर्वरक लेने वाले किसानों को अधिक दाम चुकाने पड़े जो यूरिया 350 रुपये डी.ए.पी. 1750 रुपए तक चुकाने पड़े। सही दाम पर उर्वरक लेने वाले किसानों के साथ जबरदस्ती जिंक सल्फर,नैनो यूरिया ,नैनो डीएपी दिया गया। क़ृषि उपज मंडी समिति निवाई परिसर में उर्वरक विक्रता ने एक मत होकर लुट मचाई ,जैन खाद बीज भंडार जामडोली निवाई,मंगल खाद-बीज भंडार सबिल साह की चौकी टोंक, जैन खाद बीज भंडार नानेर,जिन -जिन उर्वरक विक्रेताओं ने लुट मचाई उन विक्रेताओं के खिलाफ अतिरिक्त कलक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनाकर जांच की मांग रखी गई। 9. 4262.55 मैट्रिक टन यूरिया ऊर्वरक ग़लती वस पास मशीन में चढ़ गया। उस शून्य कराने के लिए कार्यालय ज़िला कलेक्टर टोंक द्वारा प्रस्ताव भेजा जाने की सहमति व्यक्त हुई उसके उपरांत भी प्रस्ताव तैयार नहीं हुआ। प्रस्ताव तैयार करें। 10.टोंक जिले में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद केन्द्रों का विस्तार करतें हुए। उनियारा तहसील – बनेठा, )गोठड़ा, टोंक तहसील – सांखना,डारडा हिन्द, मेहंदवास,पीपलू तहसील – , पासरोटियां,जौंला,लौहरवाडा़,देवली तहसील – निवारिया,पोल्याडा़ , धुआकला,निवाई तहसील – जामडौली,जोधपूरिया,खण्डवा, डांगरथल,मूंडिया,दहलोद,मालपुरा तहसील – बरोल,सोड़ा । 11.निवाई तहसील में खरीफ 2024 में फसल खराबा तीन ही पंचायत को माना गया है जबकि पिपलु और निवाई में टोंक जिले की सर्वाधिक बरसात हुई थी। पक्षपातपूर्ण व्यवहार अपनाने के कारण पिपलु निवाई के सभी गांवों को वर्षा रिपोर्ट के अनुसार मुआवजा दिलाया जावे। तथा पीपलू, निवाई तहसील की पंचायत वार वर्षों रिपोर्ट प्रतिदिन की दिलाईं जायें। 12.निवाई टोंक,बनेठा क्षेत्रों में सुअरों से फसल बर्बादी कों रोकने के कारगर उपाय अपनाएं एवं पंचायतो को जिम्मेदार बनाया जायें।सुअरों को पकड़ने के लिए एक्सपर्ट नगर परिषद एवं नगरपालिकाओं की जिम्मेदारी दे।13. बनेठा वन विभाग की 8000 बीघा जमीन को गौ-अभ्याण्य बनाने का प्रस्ताव राजस्थान सरकार को भेजा जायें।किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा तथा शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।