पाकिस्तान का सबसे बड़ा पंजाब प्रांत सोशल मीडिया पर बैन लगाने की मांग कर रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर सोशल मीडिया पर 6 दिनों के लिए बैन की मांग की गई है। अगले हफ्ते शुरू होने वाले धार्मिक जुलूसों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस बैन की मांग की गई है। मंत्री उज्मा बुखारी ने इस बात की जानकारी दी है। मुहर्रम के दौरान नफरत फैलने से रोकने के लिए ऐसा हो रहा है। पंजाब प्रांत सभी सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव कर रहा है।मुहर्रम के दौरान शिया मुसलमान इस्लाम के पैगंबर के पोते की शहादत की याद में बड़ी-बड़ी सभाएं करते हैं और जुलूस निकालते हैं। शिया मुसलमान उनकी शहादत को अत्याचार के प्रतिरोध के प्रतीक के रूप में मनाते हैं। इस दौरान मोहर्रम के पहले दस दिनों तक विशाल रैलियां करते हैं। शिया मुस्लिमों की सुन्नी मुस्लिमों के साथ ऐतिहासिक धार्मिक प्रतिद्वंदिता है। यही वजह है कि कट्टरपंथी सुन्नी समूहों की तरफ से मुहर्रम के दौरान शिया मुस्लिमों की रैलियों को निशाना बनाने की घटनाएं होती हैं। इस दौरान पाकिस्तान में बम विस्फोट या आत्मघाती हमलों का डर बना रहता है।
यह प्रस्ताव मुहर्रम के आशूरा के जुलूस से संबंधित है, बता दें कि यौम-ए-आशूरा’ इस्लामी कैलेंडर के पहले महीने मुहर्रम की दसवीं तारीख को कहते हैं। एजेंसी के हवाले से सोशल मीडिया पर एक पत्र देखा गया, इसमें प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, पूरे पंजाब प्रांत में ट्विटर और टिकटॉक को निलंबित करने की मांग की गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने फरवरी से ही एक्स तक पहुंच बंद कर दी है।
हिंसा के डर से ही पाकिस्तान की सरकार मुहर्रम के दौरान दूरसंचार के साधनों पर रोक, इंटरनेट और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाने जैसे कदम उठाती है। पंजाब की सरकार ने संघीय सरकार से अपील की है कि मुहर्रम के दौरान 13-18 जुलाई तक सोशल मीडिया सेवाओं पर रोक लगाई जाए ताकि भ्रामक संदेशों को फैलने से रोका जा सके। पंजाब सरकार ने गृह मंत्रालय को एक पत्र लिखा है, जिसमें मुहर्रम के दौरान फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम, यूट्यूब, एक्स, टिक-टॉक आदि सोशल मीडिया मंचों पर पूरे प्रांत में रोक लगाने की मांग की।(Demanded to ban social media platforms like Facebook, Whatsapp, Instagram, YouTube, X, Tik-Tok etc. in the entire province during Muharram.)