पुनीत चपलोत
भीलवाड़ा, स्मार्ट हलचल। एम.टी.एम. से जोधड़ास तक प्रस्तावित 100 फीट चौड़ी सड़क को निरस्त करने की मांग को लेकर स्थानीय निवासियों ने सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। निवासियों का कहना है कि इस क्षेत्र में पहले से ही सात रेलवे अंडरपास मौजूद हैं, जिससे ट्रैफिक का आवागमन सुचारु रूप से हो रहा है। प्रस्तावित सड़क के कारण चार कॉलोनियों में बसे करीब 250 गरीब परिवारों के घर प्रभावित होंगे, जिन्होंने अपने मकान साहूकारों और बैंकों से कर्ज लेकर बनाए हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि यह कॉलोनियां पूर्व मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाड़िया द्वारा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को आवंटित की गई थीं, जहां वर्ष 1967 से कर्मचारी निवास कर रहे हैं और यह कॉलोनियां नगर परिषद से पट्टा सुदा हैं। निवासियों ने आरोप लगाया कि यह सड़क भू-माफियाओं और एम.टी.एम. निवेशकों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से प्रस्तावित की गई थी। उस समय के नगर परिषद सभापति, जिनकी एम.टी.एम. में भागीदारी थी, ने इस योजना को आगे बढ़ाया था।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि वर्ष 2025 के मास्टर प्लान में इस सड़क को शामिल किया गया था, लेकिन भारी जनविरोध के चलते 2035 के मास्टर प्लान में इसे हटा दिया गया। प्रभावित क्षेत्र में अधिकांश निर्धन, मेहनतकश मजदूर वर्ग के लोग निवास करते हैं, जो रोज कमाकर रोज खाने वाले हैं। यदि इनके मकान टूटते हैं तो वे दोबारा घर नहीं बना सकेंगे।
निवासियों ने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल भू-माफियाओं के साथ मिलकर प्रशासन पर दबाव बना रहे हैं और बार-बार पानी भरने जैसी समस्याओं का हवाला देकर सड़क निकालने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि यदि सड़क निकालना आवश्यक है तो इसे पांडू के नाले के ऊपर से निकाला जाए जो आगे चलकर 60 फीट रोड से मिल सकता है या फिर रेलवे से जमीन लेकर एलिवेटेड रोड बनाया जा सकता है।
ज्ञापन में स्पष्ट किया गया कि इस सड़क मार्ग पर कोई बड़ा अस्पताल, कलेक्ट्रेट या पिकनिक स्पॉट नहीं है, जिससे ट्रैफिक का अतिरिक्त दबाव हो। अंत में निवासियों ने प्रशासन से मांग की कि यदि इस योजना को निरस्त नहीं किया जाता है तो प्रत्येक प्रभावित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा एवं सुखड़िया नगर में समान क्षेत्रफल के आधार पर प्लॉट आवंटित किया जाए।