(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
वाराणसी।स्मार्ट हलचल|प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र बनारस में विकास और आत्मनिर्भरता की अलख अब बच्चों के मन में भी जग चुकी है। आगामी 8 नवम्बर को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी बनारस से चार नई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का शुभारंभ करेंगे, उससे पहले शहर के विद्यालयों में ‘विकसित बनारस एवं आत्मनिर्भर भारत’ विषय पर निबंध, पेंटिंग और कविता प्रतियोगिताओं की रंगीन धूम मच गई है।
4 नवम्बर को वाराणसी के विभिन्न विद्यालयों में आयोजित इन प्रतियोगिताओं में करीब 1200 छात्र-छात्राओं ने पूरे उत्साह के साथ भाग लिया। विद्यार्थियों ने अपनी कलम और रंगों से ‘नए भारत’ का सपना सजाया, वहीं कविताओं में उन्होंने आत्मनिर्भरता की भावना को स्वर दिया।
केन्द्रीय विद्यालय 39 जी.टी.सी., छावनी में आयोजित प्रतियोगिता में 300 विद्यार्थियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। छात्रों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से यह संदेश दिया कि ‘विकसित बनारस’ केवल एक नारा नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।
वहीं केन्द्रीय विद्यालय, कंचनपुर में 250 छात्रों ने अपने चित्रों और शब्दों से बनारस की नई पहचान को उकेरा। केन्द्रीय विद्यालय, बी.एल.डब्ल्यू. में 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लेकर रेलवे नगरी के गौरव को और ऊंचा किया।
इसी क्रम में सेंट्रल हिन्दू गर्ल्स स्कूल, कमच्छा में 250 छात्राओं ने काव्य और कला के माध्यम से अपनी सृजनशीलता का परिचय दिया, जबकि सेंट्रल हिन्दू ब्वायज स्कूल, कमच्छा में 200 छात्रों ने ‘विकसित बनारस’ के स्वप्न को रंगों में साकार किया।
शहर के विद्यालयों में इस समय प्रतियोगिताओं का जोश चरम पर है। बच्चे भारत के उज्जवल भविष्य की तस्वीरें बना रहे हैं और कविताओं में आत्मविश्वास की गूंज सुनाई दे रही है।
जनसंपर्क अधिकारी अशोक कुमार ने बताया कि इन प्रतियोगिताओं का उद्देश्य बच्चों में रचनात्मकता और राष्ट्र निर्माण की भावना को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि विकसित बनारस का सपना तभी साकार होगा जब नई पीढ़ी अपनी सोच और कर्म से भारत को आत्मनिर्भर बनाने में योगदान देगी।
वास्तव में, यह आयोजन केवल एक प्रतियोगिता नहीं बल्कि ‘वंदे भारत’ से ‘वंदे भविष्य’ की ओर बढ़ता कदम है। जहां हर बच्चे के हाथ में कलम है और दिल में देश के विकास का सपना।


