Homeभीलवाड़ाऋण मुक्तेश्वर महादेव पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, चने की दाल चढ़ाकर...

ऋण मुक्तेश्वर महादेव पर उमड़ा भक्तों का सैलाब, चने की दाल चढ़ाकर ऋण मुक्ति की करते हैं प्रार्थना

शाहपुरा-पेसवानी
स्मार्ट हलचल|शाहपुरा क्षेत्र के देवपुरी ग्राम स्थित प्राचीन ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में श्रावण मास के सोमवार को श्रद्धालुओं का भारी जनसैलाब उमड़ पड़ा। खासतौर पर श्रावण के पहले और चैथे सोमवार को यहां भक्तों की भीड़ अधिक देखने को मिलती है। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर अपनी विशेष मान्यता के कारण दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां चने की दाल भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति को ऋण मुक्ति का आशीर्वाद मिलता है। इसी विश्वास के साथ यहां हजारों श्रद्धालु अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं।
यह मंदिर देवपुरी ग्राम से बच्छखेड़ा के रास्ते पर एक खाल के किनारे स्थित है। समाजसेवी संजय मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि श्रावण मास के अवसर पर विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया गया। विद्वान पंडितों के सान्निध्य में जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक तथा विशेष पूजन हुआ। भक्तों ने शिवलिंग पर जल, दूध और चने की दाल अर्पित कर भगवान शिव से ऋण मुक्ति की प्रार्थना की।
अनूठी परंपरा, चने की दाल चढ़ाकर मांगी जाती है मनोकामना-
ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां पर कोई भी भक्त चांदी-सोने के आभूषण या महंगे भेंट नहीं चढ़ाता, बल्कि केवल चने की दाल अर्पित करता है। मान्यता है कि चने की दाल भगवान शिव को अर्पित करने से व्यक्ति के ऊपर चढ़े हर प्रकार के कर्ज का निवारण हो जाता है। ग्रामीणों का कहना है कि जो भी भक्त यहां सच्चे मन से आकर चने की दाल अर्पित करता है और मनोकामना करता है, उसकी मन्नत जरूर पूरी होती है।
एक स्थानीय बुजुर्ग ने बताया कि उन्होंने स्वयं वर्षों पहले आर्थिक तंगी से परेशान होकर यहां चने की दाल अर्पित की थी और कुछ ही समय में उनका कर्ज उतर गया। तब से वह हर वर्ष श्रावण मास में यहां दर्शन के लिए जरूर आते हैं।
वर्ष 2004 की घटना से और गहरी हुई आस्था-
यह मंदिर और इसके प्रति लोगों की आस्था वर्ष 2004 में आई बाढ़ के बाद और भी गहरी हो गई। उस वर्ष भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में मंदिर के आसपास के बड़े-बड़े पेड़-पौधे उखड़ गए और आसपास का पूरा इलाका पानी में डूब गया। संजय मंत्री ने बताया कि बाढ़ के पानी में मंदिर की मूर्ति भी डूब गई थी, लेकिन जब पानी उतरा तो देखा गया कि ऋण मुक्तेश्वर महादेव की मूर्ति वहीं अपने स्थान पर स्थिर थी। मूर्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ और वह ज्यों की त्यों रही। इस घटना के बाद से स्थानीय लोग इसे चमत्कार मानते हैं और इस मंदिर की महत्ता में और भी विश्वास रखते हैं।
श्रावण मास में होती है विशेष भीड़-
श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित महीना माना जाता है। इस महीने में हर सोमवार को भक्त विशेष पूजा करते हैं। ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर में भी प्रतिदिन भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन विशेषकर पहले और चैथे सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में पहुंच जाती है। भक्त तड़के सुबह ही मंदिर पहुंचने लगते हैं और देर रात तक पूजा-अर्चना चलती रहती है। कई श्रद्धालु अपने घरों से चने की दाल भिगोकर लाते हैं और फिर मंदिर में शिवलिंग पर अर्पित करते हैं। मंदिर के पुजारी के अनुसार, इस परंपरा को पीढ़ियों से निभाया जा रहा है और आज भी लोग पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ यहां आकर भगवान शिव से ऋण मुक्ति की प्रार्थना करते हैं।
क्षेत्रीय विकास के प्रयास-
संजय मंत्री सहित कई समाजसेवियों ने बताया कि मंदिर के विकास और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अनेक कार्य किए जा रहे हैं। मंदिर तक पहुंचने वाले मार्ग को पक्का करवाया गया है। साथ ही मंदिर प्रांगण में पेयजल व्यवस्था, छाया के लिए टिन शेड और बैठने के लिए बेंच भी लगाई जा रही है। समाजसेवी बताते हैं कि भविष्य में मंदिर परिसर को और भी विकसित करने की योजना है, ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। विशेष दिनों में भंडारा और प्रसाद वितरण की व्यवस्था भी की जाती है।
श्रद्धा और विश्वास का प्रतीक बना ऋण मुक्तेश्वर–
आज ऋण मुक्तेश्वर महादेव केवल देवपुरी ग्राम ही नहीं, बल्कि पूरे शाहपुरा क्षेत्र में श्रद्धा और विश्वास का प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां आने वाले भक्तों में केवल स्थानीय लोग ही नहीं, बल्कि भीलवाड़ा, अजमेर, जयपुर और अन्य जिलों से भी लोग शामिल होते हैं। भक्तों का मानना है कि जब भी जीवन में आर्थिक संकट आए, ऋण से मुक्ति पानी हो या किसी प्रकार की मानसिक परेशानी हो, तो यहां आकर भगवान शिव के चरणों में सिर झुकाने मात्र से सारी समस्याओं का समाधान हो जाता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि आने वाले वर्षों में इस मंदिर को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना है, ताकि यहां की परंपरा और आस्था का संदेश दूर-दूर तक पहुंचे।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES