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देवपुरी को शाहपुरा से फुलियाकलां में शामिल करने पर विरोध, ग्रामीणों ने दिया ज्ञापन

शाहपुरा। मूलचन्द पेसवानी

देवपुरी पंचायत को पंचायत समिति शाहपुरा से हटाकर फुलियाकलां में जोड़ने के निर्णय के खिलाफ मंगलवार को देवपुरी क्षेत्र के ग्रामीणों ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। बड़ी संख्या में ग्रामीण शाहपुरा एसडीओ कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और नारेबाजी करते हुए इस निर्णय को जनभावनाओं के विपरीत बताया। ग्रामीणों ने कहा कि देवपुरी का भौगोलिक, सामाजिक और प्रशासनिक जुड़ाव वर्षों से शाहपुरा से ही रहा है, इसलिए देवपुरी पंचायत को मूल स्थान शाहपुरा में ही बनाए रखा जाए।

मुख्यमंत्री के नाम सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि देवपुरी, मीणा की कोटड़ी, आंटोली और गुरुजी का खेड़ा गांव देवपुरी पंचायत क्षेत्र में आते हैं, जिनका थाना पंडेर (जहाजपुर) लगता है। देवपुरी से फुलियाकलां तक पहुंचने के लिए शाहपुरा होकर जाना ही पड़ता है, जो ग्रामीणों के लिए असुविधाजनक है।

ग्रामीणों ने कहा कि हाल ही में हुए प्रशासनिक पुनर्गठन में देवपुरी को फुलियाकलां पंचायत समिति में जोड़ दिया गया है, जिससे गहरा आक्रोश है। निर्णय बिना जनप्रतिनिधियों की राय और बिना आम सहमति के लिया गया है। फुलियाकलां की दूरी अधिक होने से ग्रामीणों को शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक कार्यों और सरकारी योजनाओं तक पहुंचने में कठिनाई होगी। शाहपुरा इन सभी सुविधाओं का प्रमुख केंद्र होने के कारण देवपुरी को वहीं रखना जनहित में है।

प्रदर्शन में जनप्रतिनिधियों की मजबूत मौजूदगी

प्रदर्शन में कई प्रमुख नेता शामिल हुए—पूर्व सरपंच संजय मंत्री, यूथ कांग्रेस विधानसभा उपाध्यक्ष रामसिंह मीणा, भाजपा अजा मोर्चा जिला महामंत्री महेंद्र मीणा, मस्तराम मीणा, गणराज सिंह, प्यारेलाल मीणा, कमल मीणा, बुद्धि प्रकाश मीणा, मुकेश मीणा, पोदाराम माली, प्रलाद खटीक आदि। सभी ने कहा कि देवपुरी को शाहपुरा से अलग करना पूरी तरह जनहित के विपरीत है और ग्रामीण किसी भी हालत में इस निर्णय को स्वीकार नहीं करेंगे। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि मांग नहीं मानी गई तो आगामी पंचायत चुनाव और एसआईआर प्रक्रिया का बहिष्कार करेंगे।

जनभावनाओं के खिलाफ निर्णय: ग्रामीण

ग्रामीणों ने कहा कि देवपुरी क्षेत्र का प्रशासनिक, आर्थिक व सामाजिक ढांचा पूर्ण रूप से शाहपुरा पर आधारित है—खरीद-फरोख्त, पढ़ाई, सरकारी कामकाज, न्यायालय, अस्पताल सभी शाहपुरा में निर्भर हैं। ऐसे में देवपुरी को फुलियाकलां जोड़ने का निर्णय न केवल अव्यावहारिक है, बल्कि ग्रामीणों को अनावश्यक परेशानी में डालने वाला है। ग्रामीणों ने इस आदेश को तुरंत वापस लेकर देवपुरी को दोबारा शाहपुरा पंचायत समिति में जोड़ने की मांग की।

एसडीओ को सौंपा ज्ञापन, कार्रवाई का आश्वासन

प्रदर्शन के बाद ग्रामीण प्रतिनिधिमंडल ने शाहपुरा एसडीओ सुनील मीणा को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में पुनर्गठन पर पुनर्विचार कर देवपुरी को पूर्व स्थिति में बहाल करने की मांग की गई। एसडीओ ने ज्ञापन प्राप्त कर ग्रामीणों की भावनाओं को उच्च प्रशासन तक पहुंचाने का आश्वासन दिया।

ग्रामीणों ने स्पष्ट कहा कि जब तक देवपुरी को पुनः शाहपुरा से नहीं जोड़ा जाता, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने चेताया कि यदि सरकार ने जनभावनाओं की अनदेखी की, तो संघर्ष और तेज किया जाएगा।

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