बिजोलिया : तहसील क्षेत्र के राजस्व ग्राम धनवाड़ा को ग्राम पंचायत घोषित करने की माँग को लेकर क्षेत्रवासियों ने मांडलगढ़ विधायक गोपाल खण्डेलवाल एवं उपखंड अधिकारी अजीत सिंह राठौड़ को ज्ञापन सौंपा कार्रवाई की मांग की है । ग्रामीणों ने बताया है कि वो प्रस्तावित ग्राम पंचायत में उँदरो का खेड़ा में शामिल नहीं होना चाहते है और जनसंख्या के आधार पर धनवाड़ा को नवनिर्मित पंचायत के रूप में स्थापित करना चाहते है । ग्रामीणों ने बताया कि धनवाड़ा क्षेत्र की जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 2320 थी, जो वर्तमान में लगभग 4500 हो चुकी है। यह क्षेत्र पहले से ही बड़ा राजस्व ग्राम है और इसमें अनुसूचित जाति एवं जनजातियों की बहुलता है। इसे ग्राम पंचायत का दर्जा देना पूरी तरह से तर्कसंगत है।
उँदरो का खेड़ा में शामिल न करने की माँग: ग्रामीणों का कहना है कि उँदरो का खेड़ा धनवाड़ा से 7-8 किलोमीटर दूर है, जहाँ तक पहुँचना ग्रामीणों के लिए कठिन होता है। बरसात के मौसम में वहाँ जाना और भी दुश्वार हो जाता है, जिससे सरकारी योजनाओं का लाभ लेने में बाधा उत्पन्न होती है।
भौगोलिक दृष्टिकोण से केंद्र में: धनवाड़ा भौगोलिक रूप से आसपास के 15 मजरा-ढाणियों के बीच स्थित है, जिससे ग्राम पंचायत मुख्यालय के लिए यह उपयुक्त स्थान है। इससे क्षेत्र के सभी ग्रामीणों को सुगमता से पंचायत सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी।
अन्य गाँव जिन्हें धनवाड़ा में शामिल किया जाए : ज्ञापन में धनवाड़ा के साथ जोड़े जाने योग्य गाँवों की सूची भी दी गई है, जिसमें कोलीयों का झोंपड़ा, अरणियों का झोंपड़ा, प्रताप का झोंपड़ा, मोहनगढ़, लखवाड़ी, बिछावन का झोंपड़ा, रूपपुरा, किशनगढ़ आदि शामिल हैं।
सरकारी योजनाओं की सुगमता: ज्ञापन में बताया है की पंचायत बनने पर धनवाड़ा के ग्रामीणों को मनरेगा, पेंशन, सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा।