हिंदू सत्य सनातन कला मंडल द्वारा रामलीला का मंचन 19 नवम्बर से 28 नवम्बर तक होगा
पंडेर 20 नवम्बर । उपतहसील धर्मनगरी पंडेर कस्बें में हिंदू सत्य सनातन कला मंडल काशी प्रयाग उत्तरप्रदेश के कलाकारों द्वारा रामलीला मंचन का आयोजन किया गया। मंडल संचालक पंडित श्याम सुंदर शुक्ला त्यागी ने बताया कि हिंदू सत्य सनातन कला मंडल काशी प्रयाग उत्तरप्रदेश के कलाकारों द्वारा ग्रामवासियों के सहयोग से धर्मनगरी पंडेर में गणेश चौक में रात्रि 8 बजे से रात्रि 11 बजे तक रामलीला का मंचन का शुभारंभ किया गया। भगवान लक्ष्मीनाथ मंदिर के पास गणेश चौक में बालाजी के जयकारों के साथ मंगलवार रात्रि 8 बजे पंडितों ने विधिविधान से मंत्रोच्चार के साथ श्रीफल का खंडन कर मुख्य अतिथि चारभुजानाथ मंदिर पुजारी निरंजन सुखवाल, रामायण पाठी भागचंद टेलर, लक्ष्मीनारायण लक्षकार ने रामायणजी की आरती कर रामलीला मंचन प्रारंभ किया। रामलीला मंडल के महंत अनुरुद्धाचार्य महाराज ने बताया कि रामलीला मंचन के प्रथम दिवस मंगलवार रात्रि को रामायणजी की आरती के पश्चात रामलीला मंचन में क्षीर सागर में हरि विष्णु व लक्ष्मी का शयन दर्शन, मनु शतरूपा की तपस्या, भगवान विष्णु का चतुर्भुज दर्शन, नारद द्वारा हरि विष्णु को श्राप देना, दशरथ कौशल्या संवाद, रामजन्म, विश्वामित्र का हवन यज्ञ करना, राक्षसों द्वारा हवन सामग्री यज्ञ भंग करना आदि मार्मिक दृश्यों का मंचन किया। वहीं रामलीला मंचन में सोनू मिश्रा ने विष्णु का, बालकृष्ण ने दशरथ का, आनंद शुक्ला ने कौशल्या का, सोनू मिश्रा ने राम का, रोहित शुक्ला ने लक्ष्मण का, परमेश्वर दुबे ने विश्वामित्र के किरदार का जीवंत अभिनय मंचन किया। रामलीला मंचन में सर्वप्रथम रामायणजी की आरती के बाद श्री हरि विष्णु भगवान श्री लक्ष्मी मैया की झांकी सजाई। उसके बाद श्री हरि विष्णु भगवान ने अपने चर्तुभुज रूप के माता कौशल्या महाराज दशरथ को दर्शन दिया। कहा कि मैं तुम्हारे तप से प्रसन्न हूं। वर मांगो। तब माता कौशल्या ने कहा कि हे प्रभू मैं आप का यह विराट रूप देखकर भयभीत हो रही हूं। मैं तो आप के बाल स्वरूप को देखना चाहती हूं। प्रभु आप मेरी गोद में आकर रुदन करें। ताकि मैं आप की पुत्र के रुप में सेवा कर सकूं। तब श्री हरी विष्णु भगवान ने कहा कि हे मां पूर्व जन्म में आप माता शतरूपा व पिता महाराज मनु थे। आप ने कई वर्षों तक मेरी कठिन तपस्या की थी। जब आप से वरदान मांगने के लिए कहा तो आपने मेरे समान पुत्र मांगा। सो मैने देखा कि मेरे समान कोई और नहीं हैं। इसलिए मैं आप के यहां राम लक्ष्मण भरत शत्रुघन चारों अंशो के साथ अवतार लूंगा। इस दौरान रामलीला मंडल के सभी सदस्य व्यवस्था में मौजूद रहें।