भारतीय घरों में कई लोग रोज रात को सोने से पहले दही जमाते हैं। यह गर्म दूध में थोड़ा सा दही मिलाकर और इसे रात भर रखने से जमाया जाता है। अगले दिन, हर कोई रोटी, चावल, दाल या सब्जी के साथ ताजा दही का आनंद लेता है। दही कई स्वास्थ्य लाभों के साथ आती है। हालाँकि, क्या रात के खाने के समय हमारी पसंदीदा दही का थीख ठीक है? चलो पता करते हैं!
दही खाने के फायदे
दही भारतीय रसोई में एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है, जिसे खाने में स्वादिष्ट और सेहत के लिए बेहद फायदेमंद माना जाता है। इसे न सिर्फ अकेले खाया जाता है, बल्कि विभिन्न व्यंजनों का हिस्सा भी बनाया जाता है। आइए जानते हैं दही खाने के कुछ महत्वपूर्ण फायदे:
1. पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद
दही में पाए जाने वाले प्रबायोटिक्स (Probiotics) पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। यह हमारे पेट में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और कब्ज, गैस जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।
2. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
दही में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं। इससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की ताकत मिलती है और सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
3. हड्डियों और दांतों के लिए लाभकारी
दही कैल्शियम का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने में मदद करता है। नियमित रूप से दही का सेवन करने से ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डियों की बीमारियों से बचाव होता है।
4. स्किन और बालों के लिए फायदेमंद
दही में मौजूद विटामिन्स और मिनरल्स त्वचा और बालों के लिए भी लाभकारी होते हैं। दही को चेहरे पर लगाने से त्वचा में निखार आता है और यह एक नेचुरल मॉइस्चराइज़र के रूप में भी काम करता है। बालों में दही का उपयोग करने से बाल मजबूत और चमकदार होते हैं।
5. वजन कम करने में मददगार
दही में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है और यह लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखता है। साथ ही, यह मेटाबॉलिज्म को भी बेहतर बनाता है, जिससे वजन कम करने में मदद मिलती है।
6. दिल को स्वस्थ रखता है
दही में गुड फैट्स (अच्छे वसा) होते हैं, जो दिल की सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और दिल के दौरे की संभावना को कम करता है।
7. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
दही में पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे तत्व होते हैं, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह शरीर से अतिरिक्त सोडियम को बाहर निकालकर ब्लड प्रेशर को संतुलित बनाए रखता है।
8. लैक्टोज असहिष्णुता में मददगार
जो लोग दूध नहीं पचा पाते (लैक्टोज इन्टॉलरेंट) हैं, उनके लिए दही एक अच्छा विकल्प है। दही में लैक्टोज की मात्रा कम होती है, जिससे इसे पचाना आसान होता है।
दही में कौन-कौन से पोषक तत्व होते हैं ?
दही में कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं। नीचे दही में मौजूद प्रमुख पोषक तत्वों की सूची दी गई है:
1. कैल्शियम (Calcium):
हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाने के लिए आवश्यक है।
2. प्रोटीन (Protein):
शरीर की मांसपेशियों के विकास और मरम्मत में मदद करता है।
3. विटामिन बी12 (Vitamin B12):
नर्वस सिस्टम और रक्त निर्माण के लिए जरूरी होता है।
4. विटामिन बी2 (राइबोफ्लेविन) (Vitamin B2 – Riboflavin):
ऊर्जा उत्पादन और कोशिकाओं की मरम्मत में सहायक होता है।
5. मैग्नीशियम (Magnesium):
मांसपेशियों को आराम देने और रक्तचाप नियंत्रित करने में मदद करता है।
6. पोटेशियम (Potassium):
दिल की सेहत और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है।
डाइजेशन की प्रॉबल्म है तो रात को न खाएं दही
रात के समय दही का खाना ठीक रहता है। हालाँकि, अगर आपको पाचन संबंधी कोई समस्या है, तो रात में दही खाने से प्रॉब्लम्स या अपच की समस्या हो सकती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह फैट और प्रोटीन से भरपूर एक डेयरी प्रोजक्ट है, जिसे रात के समय पचाना मुश्किल हो सकता है, जब आपका डाइजेशन भी कम हो सकता है।कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन बी 6, बी 12 जैसे कई पोषक तत्व अच्छी मात्रा में होते हैं जो हड्डियों, मांसपेशियों को मजबूत रखने और एनर्जी देने का काम करते हैं. इसके अलावा दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया गट हेल्थ को अच्छा रखता है, जिसकी वजह से आप गर्मियों में पाचन संबंधित समस्याओं से बचे रहते हैं. हालांकि कुछ लोगों को दही से परहेज करना जरूरी होता है.
किडनी में स्टोन वालों को नहीं खाना चाहिए दही
जिन लोगों की किडनी में स्टोन हो उन्हें ज्यादा कैल्शियम वाली चीजें लेने से मना किया जाता है, इसलिए ऐसे लोगों को दही का सेवन कम मात्रा में करने या फिर दही न खाने की सलाह दी जाती है.
लैक्टोज इंटॉलरेंस
कुछ लोगों को लैक्टोज इंटॉलरेंस की समस्या होती है. ऐसे लोग दूध से लेकर दही और पनीर तक डेयरी प्रोडक्ट्स को हजम नहीं कर पाते हैं, जिसकी वजह से उन्हें अपच, ब्लोटिंग, पेट में भारीपन आदि समस्याएं होने लगती हैं. अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो लैक्टोज इंटॉलरेंस की दिक्कत से परेशान हैं तो दही का सेवन कम ही करना चाहिए.
अस्थमा के मरीज करें परहेज
जो लोग अस्थमा से पीड़ित होते हैं, दही खाने से उनकी समस्या बढ़ सकती है और खासतौर पर रात के वक्त गलती से भी दही नहीं खाना चाहिए. दही की तासीर ठंडी होती है और इसमें खट्टापन होता है, जिसकी वजह से म्यूकस (कफ) बनने लगता है और अस्थमा की समस्या अचानक ट्रिगर हो सकती है.
गठिया की समस्या वाले न खाएं दही
दही कैल्शियम से भरपूर होता है और आपकी हड्डियों के लिए काफी फायदा करता है, लेकिन इसके बावजूद गठिया की समस्या वालों को दही से परहेज करना की सलाह दी जाती है. दरअसल इससे जोड़ों में सूजन बढ़ सकती है, जिससे दर्द ट्रिगर हो सकता है.