शाश्वत तिवारी
दुबई। स्मार्ट हलचल/भारत के दुबई स्थित महावाणिज्य दूतावास ने बुधवार को केरल मुस्लिम सांस्कृतिक केंद्र (केएमसीसी) और एडैप्ट टेक्नोलॉजीज के सहयोग से 5,000 भारतीय श्रमिकों को एआई, धोखाधड़ी का पता लगाने और साइबर सुरक्षा में प्रशिक्षित करने के लिए एक डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम शुरू किया।
इस दौरान भारत के महावाणिज्य राजदूत सतीश कुमार सिवन ने ब्लू-कॉलर श्रमिकों को साइबर घोटालों से बचाने के महत्व पर जोर दिया और साथ ही उन्हें एआई कौशल से लैस करके उनकी रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया। केएमसीसी के महासचिव अनवर नाहा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार होने वाले श्रमिकों की बढ़ती संख्या के जवाब में यह पहल विकसित की गई है।
दुबई स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने एक ‘एक्स’ पोस्ट में इस पहल की जानकारी दी। आठ सप्ताह के पाठ्यक्रम में साप्ताहिक एक घंटे का लाइव, इंटरैक्टिव सत्र शामिल है, जो अंग्रेजी, हिंदी, मलयालम, तमिल और तेलुगु में उपलब्ध है, जो श्रमिकों के लिए सरल पहुंच और सुविधा सुनिश्चित करता है। एडैप्ट के सीईओ उमर अब्दुस्सलाम ने बताया कि प्रतिभागी पहले अपने डिजिटल साक्षरता स्तर का मूल्यांकन करने के लिए एक गूगल फ़ॉर्म असेसमेंट पूरा करेंगे, जिससे प्रशिक्षण को उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप बनाया जा सकेगा। जिन विषयों को कवर किया जाएगा, उनमें फ़िशिंग, ईमेल घोटाले और फ़ेसबुक तथा व्हाट्सएप जैसे प्लेटफ़ॉर्म पर ऑनलाइन धोखाधड़ी के जोखिम शामिल हैं।
श्रम एवं वाणिज्य दूतावास मामलों के वाणिज्य राजदूत, पाबित्रा कुमार मजूमदार ने कहा कि महावाणिज्य दूतावास ने ऐसे कई मामलों पर ध्यान केंद्रित किया है, जहां केरल और तमिलनाडु के श्रमिकों के साथ संवेदनशील जानकारी साझा करने के बाद धोखाधड़ी की गई थी। इसलिए जागरूकता बढ़ाने और ऑनलाइन सुरक्षा को बढ़ावा देने के साथ इस कार्यक्रम का उद्देश्य श्रमिकों को सशक्त बनाते हुए उन्हें डिजिटल खतरों से बचाना है।