चुनौतियों का सामना कर पहले प्रयास में बने आईपीएस
जाने- कौन है सरकारी विद्यालय से पढ़कर आईपीएस बनने वाले गोविंद गुप्ता ?
मदन मोहन भास्कर
स्मार्ट हलचल|झालाना डूंगरी स्थित भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) मुख्यालय में आज वरिष्ठ आईपीएस गोविन्द गुप्ता ने महानिदेशक, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, राजस्थान के रूप में कार्यभार ग्रहण किया।कार्यभार ग्रहण के अवसर पर अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता वास्तव ने पुष्पगुच्छ भेंट कर गोविन्द गुप्ता का स्वागत किया। इसके उपरांत महानिदेशक को गार्ड ऑफ़ ऑनर दिया गया इस दौरान एसीबी मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
महानिदेशक गोविन्द गुप्ता ने पदभार संभालते हुए कहा कि राज्य सरकार की मंशा अनुरूप भ्रष्टाचार के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुसार कार्य करते हुए भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई में पारदर्शिता, त्वरित कार्रवाई और टीम भावना ही हमारी सबसे बड़ी शक्ति है। आमजन के विश्वास को और अधिक सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने ब्यूरो की टीम को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना तंत्र को और अधिक प्रभावी बनाने तथा जन-जागरूकता बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि ब्यूरो की टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 और व्हाट्सएप नंबर 94135-02834 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा, ताकि कोई भी नागरिक भ्रष्टाचार से जुड़ी शिकायतें सहजता से दर्ज करा सके।
महानिदेशक गोविन्द गुप्ता ने स्पष्ट किया कि हम यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी निर्दोष व्यक्ति के साथ अन्याय न हो, साथ ही भ्रष्टाचार में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध कठोर एवं त्वरित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रदेशवासियों से अपील की कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ इस जनआंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाएं और टोल-फ्री नंबर 1064 या व्हाट्सएप नंबर 94135-02834 पर 24×7 सम्पर्क कर अपनी शिकायतें दर्ज कराए।
आईपीएस गोविंद गुप्ता मूलरूप से राजस्थान के करौली जिले के रहने वाले है। वर्ष 1993 में आईपीएस में चयनित हुए। प्रशिक्षण के उपरान्त ये अलवर में सहायक पुलिस अधीक्षक बने। जयपुर दक्षिण में भी इन्होंने सहायक पुलिस अधीक्षक के रूप में कार्य किया। बाद में जुलाई 1998 में इनको धौलपुर एसपी के रूप में जिम्मेदारी मिली। ये नागौर, सवाई माधोपुर, कोटा ग्रामीण,भीलवाड़ा, उदयपुर और एंटी करप्शन ब्यूरो में भी एसपी के रूप में कार्यरत रहे।
जीवन परिचय और शिक्षा
आईपीएस गोविन्द गुप्ता का जन्म 8 जनवरी 1968 को करौली में हुआ। इनके पिता का नाम कल्याण प्रसाद और माता वसंती देवी है। आईपीएस गोविंद गुप्ता ने एक मुलाकात में मदन मोहन भास्कर को बताया कि मेरी प्राथमिक शिक्षा करौली में हुई और 8वीं तक की शिक्षा करौली के ही बापू मिडिल स्कूल से प्राप्त की। 12वीं की परीक्षा 1985 में करौली के सरकारी कॉलेज उत्तीर्ण की। 1989 में मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद से बी.टेक किया और 1991 में आईआईटी दिल्ली से कम्प्यूटर साइंस से एम.टेक की डिग्री प्राप्त की। 1991 से 1994 तक मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल में प्रोफेसर रहे। इसी दौरान इन्होंने संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी थी जिसमें पहले प्रयास में ही आईपीएस बन गये थे।
डीआईजी से डीजी बनने तक का सफर
फरवरी 2008 से दिसंबर 2010 तक डीआईजी के रूप में कार्य करने के बाद वे पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के पद पर पदोन्नत हुए। उदयपुर, बीकानेर और कोटा जैसे बड़े संभाग में रेंज आईजी भी रहे। जुलाई 2018 में गोविंद गुप्ता अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी) के और सबसे पहले विजिलेंस में ) के पद पर पदोन्नत हुए तैनात रहे। जनवरी 2021 से वे लगातार पुलिस प्लानिंग, मॉडनाइजेशन और वेलफेयर के एडीजी रहे। जुलाई 2024 में डीजी पद पर पदोन्नत होने पर फिलहाल वे इसी पद पर कार्यरत थे। महानिदेशक पद की पहली पोस्टिंग महानिदेशक, जेल, राजस्थान, जयपुर में मिली।
चुनौतियों का सामना कर पहले प्रयास में बने आईपीएस
सीमित साधनों के बावजूद बड़े सपने देखने वाले राजस्थान के करौली जिले के गोविंद गुप्ता पहले प्रयास में ही आईपीएस बने थे। यह इनके कठिन परिश्रम और समर्पण का परिणाम का ही फल था।
राष्ट्रपति से हो चुके हैं सम्मानित
आईपीएस गोविन्द गुप्ता ने अपने करियर में बहुत सी चुनौतियों का सामना किया। इन्होंने उन क्षेत्रों में काम किया। जहाँ अपराध और सामाजिक- आर्थिक समस्याएं ज्यादा थी।
आईपीएस गुप्ता इन क्षेत्रों में पॉजिटिव बदलाव लाने के लिए अधिक मेहनत की। इन्होंने पुलिस और जनता के बीच विश्वास बनाने पर जोर दिया। लोगों के प्रति लंबी और विशिष्ट सेवा के लिए आईपीएस गोविन्द गुप्ता राष्ट्रपति से पुलिस पदक से पुरस्कृत हो चुके हैं।


