प्रति लाभार्थी 3000 रुपए प्रतिमाह की दर से मिल रही है कुष्ठावस्था पेंशन
समर्थ कुमार सक्सेना
लखनऊ।स्मार्ट हलचल/उत्तर प्रदेश में कुष्ठरोग के कारण दिव्यांग हुए लोगों को योगी सरकार की ओर से आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है। इसके तहत 12,361 कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजन को प्रदेश सरकार 3000 रुपए प्रति माह की दर से कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान कर रही है। उल्लेखनीय है कि कुष्ठरोग (लेप्रोसी) एक संक्रामक बीमारी है जो माइकोबैक्टीरियम लेप्रे नामक बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से त्वचा, नसों, श्वसन मार्ग और आंखों को प्रभावित करती है। समय पर इलाज न होने पर यह स्थाई दिव्यांगता का कारण बन सकती है।
शर्तों पर अनुमन्य है कुष्ठावस्था पेंशन
दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बताया कि कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजन को 3000 रुपए प्रति माह की दर से कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जा रही है। इस योजना के तहत वर्तमान में प्रदेश के 12,361 कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजन लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि कुष्ठरोग के कारण दिव्यांग हुए ऐसे दिव्यांगजन जिनकी आय गरीबी रेखा की सीमा के अंदर हो, उत्तर प्रदेश के मूल निवासी हों, किसी भी आयु वर्ग के हों तथा सरकार द्वारा संचालित अन्य किसी पेंशन का लाभ प्राप्त न कर रहे हों, उन्हें 3000 रुपए प्रतिमाह की दर से कुष्ठावस्था पेंशन अनुमन्य है।
कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजनों को मिलती है पेंशन कुष्ठरोगियों को नहीं
दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग द्वारा केवल कुष्ठरोग जनित दिव्यांगजनों को ही लाभान्वित किया जाता है, कुष्ठरोगियों को नहीं। कुष्ठरोग के कारण दिव्यांग हुए व्यक्तियों को आजीवन जीविका के साधन के तौर पर कुष्ठावस्था पेंशन प्रदान की जाती है। इसके साथ ही, उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगजन को निशुल्क यात्रा की सुविधा भी दी जा रही है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि विभाग द्वारा कुष्ठरोगियों का पंजीकरण नहीं किया जाता है, जबकि कुष्ठरोग के कारण दिव्यांग हुए मरीजों को मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जाता है।