अधिक सर्दी के कारण कई बार कम प्यास लगती है जिस कारण सर्दियों में कम पानी पीया जाता है। सर्दियों में पानी पीने का अहसास नहीं होता है। जिस कारण कम प्यास लगती है। लेकिन क्या आप जानते हैं सर्दियों में कम पानी पीने से शरीर को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं। क्योंकि शरीर को जितने पानी की जरूरत होती है उतना मिलना चाहिए। शरीर को कम पानी मिलने की वजह से शरीर में कई तरह की बीमारियां लगने के साथ कई तरह की दिक्कतें भी हो जाती हैं। कम पानी पीने की वजह से शरीर हाइड्रेट नहीं रह पाता। जिस कारण पाचन तंत्र खराब होने के साथ स्किन भी रूखी नजर आती हैं। आइए जानते हैं सर्दियों में कम पानी पीने के नुकसान के बारे में।
पाचन में परेशानी
कम पानी पीने की वजह से पेट में कब्ज की परेशानी हो सकती है। खाना पचाने के लिए शरीर को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है। लेकिन सर्दियों में कम पानी पीने की वजह से कब्ज हो सकती है। जिस कारण मल त्यागने और अपच की परेशानी बढ़ सकती हैं। पेट को स्वस्थ रखने के लिए सही मात्रा में पानी पिएं।
ड्राई स्किन
सर्दियों में कम पानी पीने की वजह सेस्किन पर रूखेपन की समस्या हो सकती है। जिस कारण स्किन पर ग्लो भी नजर नहीं आता है। सही मात्रा में पानी पीने से शरीर हाइड्रेट रहता है। जिससे स्किन भी चमकदार नजर आती है। कम पानी पीने की वजह से स्किन पर अधिक खुश्की हो सकती है।
प्रॉपर पानी ना पीने से मसल्स को इलेक्ट्रोलाइट्स नहीं मिल पाते, जिससे दर्द और ऐंठन बढ़ जाती है। बोन्स की डेंसिटी कम होने लगती है। हड्डियां कमजोर हो जाती हैं। शरीर की फ्लेक्सिबिलिटी घटने लगती है। ये परेशानी लोगों को तब तक समझ नहीं आती, जब तक कंडीशन WORSE ना हो जाए। सर्दी में स्पाइन से लेकर शरीर के सारे ज्वाइंट्स को कैसे हेल्दी रखना है ये जानते हैं योगगुरु स्वामी रामदेव से कैसे हड्डियों को मजबूत बनाया जाए?
सर्दी में पानी कम पीने से शरीर पर असर
- सिरदर्द
- हार्ट प्रॉब्लम
- इनडायजेशन
- यूरिन इंफेक्शन
- प्रोस्टेट प्रॉब्लम
- पथरी
- मसल्स पेन
- बोन्स में दर्द
- ज्वाइंट्स पेन
सर्दियों में आर्थराइटिस
- पानी की कमी से मसल्स में ऐंठन
- ब्लड वेसल्स में सिकुड़ने
- जोड़ों में खून की सप्लाई कम
- जोड़ों में दर्द होने लगता है
- ज्वाइंट्स में अकड़न होती है
- हाथ-पैर में सूजन आ जाती है
आर्थराइटिस के लक्षण
- ज्वाइंट्स में दर्द
- जोड़ों में अकड़न
- घुटनों में सूजन
- स्किन लाल होना
आर्थराइटिस का दर्द
- 5 में से 1 को हड्डियों की बीमारी
- बुजुर्गों के साथ युवा भी गठिया के शिकार
- वजन ना बढ़ने दें
- स्मोकिंग से बचें
- पॉश्चर सही रखें
जोड़ों में दर्द में करें परहेज
- प्रोसेस्ड फूड
- ग्लूटेन फूड
- अल्कोहल
- ज्यादा चीनी-नमक
जोड़ों में दर्द रखें अपना ख्याल
- गर्म कपड़े पहने
- पानी ज्यादा पीएं
- वर्कआउट करें
- विटामिन D जरुरी
पीड़ातक तेल घर में बनाएं
- अजवाइन
- लहसुन
- मेथी
- सोंठ
- हल्दी
- निर्गुंडी
- पारिजात
- अर्क पत्र
- अच्छी तरह से कूट लें
- सरसों या तिल के तेल में उबालें
- होममेड तेल से मसाज करें
आइये जानते हैं कि पानी पीने के साथ और किन तरीकों से खुद को हाइड्रेट रख सकते हैं.
1- भोजन के साथ पानी पीएं
हर मील के साथ पानी पीने की हैबिट डालें. ऐसा करने से शरीर में पानी की कमी को दूर किया जा सकता है. अगर सादा पानी पीने से बोर हो चुके हैं तो पानी में नींबू निचोड़ कर पी सकते हैं. नींबू पानी पीने से खाना पचने में भी आसानी होती है. .
2- हाइड्रेटेड फूड को दिनचर्या में शामिल करें
सूप, स्टू न केवल सर्दियों में आराम देते हैं बल्कि शरीर के वटर लेवल को भी मेंटेन रखते हैं. इसके अलावा, एवोकाडो, जामुन, टमाटर जैसे हाई वॉटर कंटेंट वाले फलों और सब्जियों को डेली लाइफ में शामिल कर सकते हैं.
3- इलेक्ट्रोलाइट्स को शामिल करें
इलेक्ट्रोलाइट वाले ड्रिंक को डाइट में शामिल करें जैसे दूध, नारियल पानी आदि. व्यायाम करने के बाद, स्पोर्ट्स ड्रिंक या नारियल पानी पीयें. इसके अलावा आप पानी में एक चुटकी नमक या इलेक्ट्रोलाइट पाउडर मिलाकर पी सकते हैं.
4- पानी पीने की दिनचर्या बनाएं
शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पानी पीने की दिनचर्या बनाएं. दिन भर में कितना पानी पीना है उसका एक लिमिट सेट करें और उसपर अमल करें. कोशिश करें कि खुद के साथ एक पानी की बोतल रखें. डिहाइड्रेशन से बचने का ये एक सबसे कारगर और आसान तरीका है.
5- गर्म पेय पदार्थ पीएं
गर्म, बिना कैफीन वाले ड्रिंक को डाइट में शामिल करें, जैसे- हर्बल चाय, गुनगुना पानी. ये भी शरीर में वाटर लेवल को मेंटेन रखने में मदद करता है.
6- त्वचा को मॉइस्चराइज रखें
त्वचा के माध्यम से भी शरीर में वाटर लेवल को मेंटेन रखा जा सकता है. त्वचा को मॉइस्चराइज रखने से पानी शरीर में लॉक हो जाता है जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करता है.
7. घर के अंदर की नमी बनाए रखें
कमरे के अंदर की नमी भी आपको हाइड्रेटेड रहने में मदद करती है. घर के अंदर नमी के स्तर(Humidity Level) को नियंत्रित करने के लिए ह्यूमिडिफायर का उपयोग कर सकते हैं. ड्राई एयर श्वांस के माध्यम से शरीर में जाता है और पानी की कमी को बढ़ा सकता है