हरियाणा/हिसार (गरिमा) : स्मार्ट हलचल/राजकीय महाविद्यालय बरवाला हिसार में “मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल:जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना” विषय पर चर्चा हुई इस दौरान कॉलेज की कार्यवाहक प्राचार्या रेखा सलूजा ने विद्यार्थियों को बताया की ओजोन परत पृथ्वी के वायुमंडल का एक हिस्सा है जो सूर्य की पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करती है। ये किरणें स्नो ब्लाइंडनेस, मोतियाबिंद तथा त्वचा को कैंसर जैसी कई बीमारियों के लिए ज़िम्मेदार हैं| जिसमे मुख्य वक्ता Dr Shalu ने बताया कि” मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय समझौता है जिसका उद्देश्य ओजोन परत की रक्षा करना और जलवायु परिवर्तन को कम करना है। यह समझौता 16 सितंबर 1987 को हस्ताक्षरित हुआ था इसलिए हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है. और इसका मुख्य उद्देश्य ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और उपयोग को चरणबद्ध तरीके से कम करना है| ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले लगभग 99% पदार्थों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त किया गया है। ऊपरी समताप मंडल में ओजोन परत की उल्लेखनीय बहाली हुई है। 1985 में वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका के ऊपर और 1990 में आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में एक छेद की खोज की थी| साल 2024 का विश्व ओजोन दिवस थीम ‘मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल: जलवायु कार्रवाई को आगे बढ़ाना’ है यह वैश्विक समझौता सबसे सफल पर्यावरण समझौतों में से एक है। जिसमें एनएसएस परभरी Dr Deepika, Mr Rambilas एव कमेटी के सदस्य मौजूद रहे।