दिव्य ब्रह्म ज्योति जैसे प्रयास नई पीढ़ी को जड़ों से जोड़ने का प्रयास
कोटा। ब्राह्मण समाज की संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिक चेतना को नई पीढ़ी तक पहुँचाने हेतु आद्यगौड़ बृहस्पति ब्राह्मण समाज संस्था द्वारा प्रकाशित पत्रिका “दिव्य ब्रह्म ज्योति” के द्वितीय संस्करण का विमोचन समारोह रविवार, 18 मई को पुरुषार्थ भवन, गोबरिया बावड़ी, कोटा में भव्यता से संपन्न हुआ। संस्था के संयोजक अध्यक्ष रतनलाल शर्मा ने बताया कि कार्यक्रम में हाड़ौती संभाग एवं अन्य राज्यों से आए हजारों समाजबंधुओं ने भाग लिया। समारोह न केवल एक पत्रिका विमोचन का अवसर बना, बल्कि सामाजिक एकता, सांस्कृतिक गौरव और युवाओं को परंपरागत मूल्यों से जोड़ने का सशक्त माध्यम बना।मुख्य अतिथि सह महंत, बृहस्पति धाम मंदिर,जयपुर बाबूलाल शर्मा ने उद्बोधन में कहा कि “संस्कारों से ही समाज मजबूत बनता है””ब्राह्मण समाज की गरिमा उसकी विचारधारा, संस्कृति और ज्ञान परंपरा में निहित है। दिव्य ब्रह्म ज्योति जैसे प्रयास नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। संस्कार और संस्कृति के संरक्षण में युवा वर्ग की भागीदारी अत्यावश्यक है।संस्था के संयोजक अध्यक्ष रतनलाल शर्मा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि “यह पत्रिका केवल एक दस्तावेज नहीं, बल्कि समाज के गौरवशाली इतिहास, सांस्कृतिक चेतना और भावी दिशा का दर्पण है।
महामंडलेश्वर श्रद्धेय स्वामी हेमा सरस्वती, मोजी बाबा योग आश्रम ने कहा “धार्मिक चेतना और सामाजिक समरसता का संगम ही सच्चे अर्थों में सनातन संस्कृति का संदेश है। पत्रिका समाज की आत्मा की अभिव्यक्ति है।”उन्होने भारत मां की संतान व सनातनी होने पर गर्व करने की बात कही।”श्रद्धेय गोपालकृष्ण पंचारिया, संस्थापक, ब्रह्म परिषद, मंदसौर (म.प्र.) ने कहा कि “ज्ञान का प्रचार और विचारों का प्रसार ही समाज की स्थायित्व की नींव है। ‘दिव्य ब्रह्म ज्योति’ जैसे प्रयास ब्राह्मण समाज के उज्ज्वल भविष्य का संकेत हैं। उन्होने कहा कि हम ऋषियों की संतान है इसलिए विद्वान है इसमें अपनी शाक्तियों से परिचित होना होगा। पुरूषोत्त भारद्वाज ने पत्रिका के बारे विस्तार से बताया।
कार्यक्रम में सह महंत, बृहस्पति धाम मंदिर,जयपुर बाबूलाल शर्मा ,गोपालकृष्ण पंचारिया, संस्थापक, ब्रह्म परिषद, मंदसौर (म.प्र.),महामंडलेश्वर श्रद्धेय स्वामी हेमा सरस्वती,अध्यक्ष रतनलाल शर्मा, उपमहामंत्री चंद्रकेतु भारद्वाज, महासचिव पुरुषोत्तम भारद्वाज, नवयुवक मंडल अध्यक्ष मुकेश शर्मा, कोषाध्यक्ष परमानन्द कौशिक, उपाध्यक्ष नवल किशोर शर्मा, कार्यक्रम संयोजक राम शर्मा, महासचिव नवयुवक मंडल अरविंद भारद्वाज तथा मीडिया प्रभारी मुरली मनोहर शर्मा मंचासीन रहे।
कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गईं, जिनमें राधा कृष्ण नृत्य और पारंपरिक नृत्य शामिल थे। समारोह का माहौल पूरी तरह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक ऊर्जा से परिपूर्ण रहा।
विशाला शर्मा ने महिला शाक्ति को जागृत कर अपनी चेतना को पहचाने का आव्हान किया। उन्होने भारत की भूमि पर वृद्धाश्रम होना कलंक के समान बताया।
कार्यक्रम में अतिथियों के स्वागत के साथ वेदपाठी विद्यार्थियों द्वारा स्वस्तिवाचन व सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। इसके उपरांत नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी। साथ ही विवाह योग्य युवक-युवतियों का परिचय भी मंच से कराया गया।