(मोहम्मद आज़ाद नेब)
जहाजपुर|स्मार्ट हलचल|न्यायालय परिसर के सामने डीजे बजाना आयोजकों को भारी पड़ गया। न्यायालय के मजिस्ट्रेट के आदेश पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर डीजे जब्त कर लिया। यह कार्रवाई बीएनएस की धारा 207 के अंतर्गत की गई है।एएसआई इस्लाम खां ने जानकारी देते हुए बताया कि पैदल यात्रा के दौरान डीजे का तेज़ आवाज़ में संचालन किया जा रहा था, जो न्यायालय परिसर के शांति क्षेत्र में आता है। इसे देखते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तुरंत पुलिस को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद डीजे को जब्त कर थाने में खड़ा करवा दिया गया।
बिना अनुमति डीजे बजाने पर क्या हो सकती है कार्रवाई?
प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना डीजे बजाना कानून का उल्लंघन है। विशेष रूप से धार्मिक या सार्वजनिक आयोजनों में डीजे बजाने के लिए पुलिस या प्रशासन से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य होता है। बिना अनुमति डीजे बजाने पर पुलिस निम्नलिखित कार्रवाई कर सकती है।
बीएनएस की धारा 207 (पूर्व में एमवी एक्ट की धारा 207): अनुमति न होने या नियमों के उल्लंघन पर वाहन (जैसे डीजे वैन) को जब्त किया जा सकता है। शांतिभंग की कार्रवाई (धारा 151 BNS / CrPC 107/116):
अगर डीजे की आवाज़ से सार्वजनिक शांति भंग होती है तो आयोजकों पर शांति भंग की कार्यवाही की जा सकती है।
ध्वनि प्रदूषण अधिनियम 2000 के तहत: अदालत, स्कूल, अस्पताल आदि के 100 मीटर के दायरे में डीजे बजाना कानूनन निषिद्ध है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माना व कानूनी कार्रवाई संभव है।