कोटा :स्मार्ट हलचल/अष्टानिका पर्व व श्री इन्द्रध्वज मण्डल विधान के तिशरे दिन नसिया जी जैन मंदिर दादाबाड़ी कोटा इस अवसर पर परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के शिष्य मुनि श्री 108 शाश्वत सागर जी महाराज का आज दिनांक 11 नवम्बर को प्रात: 9 बजे नवमी के अवसर पर प्रवचन में कहा श्रावक जब भक्ति पूर्वक देव शास्त्र गुरु की भक्ति करता है तो भगवान बनने के समीप पहुंच जाता है लेकिन संसार में जाता है तब सब भूल जाता है गृहस्थ का जीवन गज स्नान के समान हो जाता है इसके लिए मंदिर की क्रियाओं में समय बढाकर इस संसार से मुक्त होना है मंदिर आने का लक्ष्य संसार बढाना नहीं होना चाहिए उम्र निकलते समय नही लगता इसलिए समय रहते धर्म कर लेना चाहिए किसी से बेर रखना नहीं वरना नरको में दुख भोगना पड़ेगा शत्रुता नरको में भी खतम नहीं होगी धर्म करो इसी शरीर के माध्यम से भगवान बना जा सकता है पुरुषार्थ करने की आवश्यकता है धर्म जवानी में कर लेना चाहिए बुढापे में तो शरीर ही साथ नहीं देगा मंदिर में अभी जो विधान चल रहा है बडा आनन्द आता हे ऐसे आयोजन से धर्म प्रभावना बढती है। अपने परिवार का भला करना चाहते हो तो परिवार के साथ पूरा परिवार एक साथ धर्म करो विधान करो एक साथ यात्रा करो परिवार का साथ में धर्म करने पर स्वर्गो में भी परिवार के साथ ही रहोगे ।
अध्यक्ष जम्बू जैन सर्राफ ने बताया कि इस अवसर पर भारतवर्षीय दिगम्बर जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के अध्यक्ष श्री जम्बू प्रशाद जी जैन नसियाजी पधारे कमेटी केद्वारा स्वागत किया गया व श्री महाइंद्रध्वज मंडल विधान की सामूहिक आरती तत्पश्चात भक्तामर पाठ एवं भक्तामर महा आरती विद्वान व्याख्याता पारस भैया जी सांगानेर नोहटा वाले के प्रवचन तत्पश्चात जैन धार्मिक म्यूजिकल तंबोला भजन कार्यक्रम अनेक पुरस्कारों*के साथ आज के पुरस्कार कर्ता श्रीमती प्रिया अग्रवाल चिराग अग्रवाल महावीर कंपलेक्स दादाबाड़ी कोटा सभी अधिक से अधिक संख्या में पधारे राजेंद्र जी हुकम काका हरसोरा एवं महावीर जी मित्तल परिवार ने बड़े बाबा शान्तिधारा की