दांतारामगढ़ (सीकर)।स्मार्ट हलचल/मकर संक्रांति पर्व मंगलवार को मनाया गया। परिंदों की मानिंद उड़ान भरती रंगी-बिरंगी पतंगों से आच्छादित आसमां, घरों की छतों पर गूंजते फिल्मी गीतों के बीच उत्साह से लबरेज करता वो काटा-वो मारा का शोर और घेवर-फीणी-पकौड़ों की महक से सराबोर घर-आंगन। दान पुण्य व पतंगबाजी के लुत्फ के पर्व मकर संक्रांति पर पतंगबाजी का माहौल रहा। सुबह कोहरा छाया रहा जिससे देर से पतंगबाजी शुरू हुआ। पतंगबाजी का सिलसिला शाम तक चला। हर घर की छतों पर पतंग उड़ाते युवाओं ने पर्व का जमकर लुत्फ उठाया। घरों में महिलाओं ने दान-पुण्य कर धर्म के प्रति आस्था जताई। सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं की ओर से गायों को गुड़ आदि खिलाया गया। परंपराओं का निर्वहन कर घोली रिश्तों में मिठास
संबंधों को प्रगाढ़ कर रिश्तों में गुड़ सी मिठास घोलते पर्व मकर संक्रांति पर घरों में महिलाओं ने लोक परंपराओं का निर्वहन किया। अल सुबह लोक गीतों से गूंजते घर-आंगन में महिलाओं ने सास-ससुर को नींद से जगाकर घेवर व नेग दिया और आशीर्वाद लिया। सूती सेज जगाना, कुएं की पाल उतारण, देवर को घेवर देना, ससुर को गुड़ भेली देना ,रूठी सास व ननंद को मनाने का रिवाज घरों में चला। सास-ससुर को नींद से जगाकर घेवर व नेग दिया और आशीर्वाद लिया। जेठ-देवर-नणद-नणदोई आदि को घेवर देने सहित अन्य परंपराएं निभाई गई।
मकर संक्रांति के अवसर पर गौ माता की सेवा के लिए लोगों ने दान पुण्य किया।