बन्शीलाल धाकड़
भुरकिया कलां स्कूल में सरस्वती प्राण प्रतिष्ठा समारोह सम्पन्न, गीता कुंवर चारण ने अपने स्वर्गीय पति की स्मृति में अब तक 20 लाख रुपये से अधिक का दान दिया
बड़ीसादड़ी। स्मार्ट हलचल|विद्या दान से बड़ा कोई दान नहीं है। यह बात उपखंड के विनायका ग्राम पंचायत में स्थित भुरकिया कलां राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय में सरस्वती मां के मंदिर एवं प्राण – प्रतिष्ठा समारोह के मुख्य अतिथि श्रीरामद्वारा दिव्य आनंद धाम के संत अनंतराम शास्त्री महाराज ने कही। मुख्य अतिथि शास्त्री महाराज ने कहा कि विद्या के मन्दिर में दान से बच्चों की सीरत और सूरत संवरती हैं। शिक्षा के मन्दिरों में बच्चे संस्कारवान एवं सत्कर्म वाले बनते हैं। बच्चों के जीवन का निर्माण शिक्षा के मंदिर में होता है। इसमें दिया गया दान जीवन का सबसे बड़ा दान होता है। बच्चों की उन्नति, प्रगति एवं उनके सभी पुण्य कर्मों का फल विद्या के मंदिर में दान देने वालों को जरुर मिलता है। शास्त्री महाराज ने आगे बताया कि जो मनुष्य अपने लिए जीता है वह पशु – पक्षी समान होता है व जो दूसरों की मदद करता है वह इंसान होता है और जो इंसान दूसरों को देता है वह देवता हो जाता है। प्राण प्रतिष्ठा के समय इंद्रदेव के बरसने पर शास्त्री महाराज ने कहा कि गीता कुंवर चारण की ओर से कराये जा रहे सरस्वती माता की प्राण प्रतिष्ठा में स्वयं भगवान जलाभिषेक कर रहे हैं। मुख्य अतिथि संत अनंतराम महाराज ने कहा कि मन्दिर में विधि विधान से मंत्रोचार के साथ प्रतिमा की स्थापना करने पर उन्हें देवत्व का प्रवेश हो जाता है। जो विधिवत नियमित पूजा से फलदाई भी होता है। स्वामी जी ने समाज में गाय की दुर्दशा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि घर में गाय की जगह श्वान को जगह दे दी गई है। घर में गो माता और घर के बाहर श्वान होना चाहिए, लेकिन लोगों ने गो माता को घर से बाहर कर दिया एवं श्वान को घर के अंदर कर दिया है। संत अनंतराम शास्त्री महाराज ने कहा कि विद्यार्थियों एवं सबके लिए गो माता का दूध ही सर्वश्रेष्ठ है। गो माता में 33 कोटि देवता का वास होता है। गौ माता का प्रत्येक उत्पाद मनुष्य के लिए अत्यंत हितकर होता है। गौ माता हमें गंभीर बीमारियों से मुक्ति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। समारोह में मुख्य अतिथि संत अनंतराम शास्त्री महाराज ने विद्यालय को 20 लाख रुपए से अधिक का दान देने वाली गीता कुंवर चारण को शॉल ओढ़ा कर सम्मानित किया। प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व प्रातः सरस्वती प्रतिमा के साथ संत अनंतराम शास्त्री महाराज के सानिध्य में पूरे गांव में गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभा यात्रा में महिलाएं उत्साह के साथ राजस्थानी परिधानों में सजी धजी सिर पर कलश लिए गीत गाती हुई चल रही थी। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संत अनंतराम शास्त्री महाराज के सानिध्य में पंडित प्रवीण शर्मा ने वैदिक मंत्रोच्चार द्वारा विधि विधान से संपन्न करवाया गया। आभार संस्था प्रधान महेश कुमार अग्रवाल ने जताया। प्राण – प्रतिष्ठा के बाद सभी अतिथियों, ग्राम वासियों व विद्यार्थियों को भामाशाह गीता कुंवर चारण की ओर से मिठाई युक्त भोजन करवाया गया। इस अवसर पर राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पुष्करणा, सरपंच राजकुमार जाट, पूर्व सरपंच किशन सिंह चारण, संस्था प्रधान महेश कुमार अग्रवाल, पूर्व प्रधानाध्यापक रणजीत राय, प्रधानाचार्य भूपेंद्र कुमार भंडारी, शेषकरण चारण, शंकरलाल बुनकर, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला उपाध्यक्ष कैलाश चंद्र मालू, जिला महासंघ के कार्यकारी अध्यक्ष प्रकाश बक्षी, सुशील लड्ढा, बाबूलाल पोरवाल, प्रधानाध्यापक पूरण प्रकाश शर्मा, देशराज, राजस्थान शिक्षक संघ राष्ट्रीय के जिला उपाध्यक्ष पूरणमल लोहार, एसएमसी अध्यक्ष शांतिलाल भोई, नाथू सिंह, पंकज सिंह, नाथूलाल डांगी, भगवतसिंह शक्तावत, गोपाल टेलर, श्यामलाल खटीक, सुदेश नारायण, इंद्रजीत मेनारिया, देवेंद्र चारण, शिक्षिका सुदर्शना जारोली, पूजा लोहार,
विद्यार्थियों सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जन, शिक्षक – शिक्षिकाएं व कई प्रतिष्ठित नागरिक व जन प्रतिनिधि भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में अतिथियों का माल्यार्पण साफा व उपरना पहना कर अभिनंदन किया गया।