Homeसोचने वाली बात/ब्लॉगबुरा ना मानो होली है : जिसकी किस्मत असर दिखाये , उल्लू...

बुरा ना मानो होली है : जिसकी किस्मत असर दिखाये , उल्लू से नेता बन जाये

बुरा ना मानो होली है : जिसकी किस्मत असर दिखाये , उल्लू से नेता बन जाये
————-स्मार्ट हलचल/

सुनील बाजपेई
: नरेन्द्र मोदी :
जितना चाहे लगाओ जोर, नहीं पाओगे मेरा छोर।स्मार्ट हलचल/

: मोहन भागवत :
ईश्वर मन की पूर्ण कराए, जल्द राष्ट्र हिंदू बन जाये।

: अमित शाह :
हर दम भैया यही मनाऊं, एक बार उनकी पा जाऊं।

: राजनाथ सिह:
अब उनकी ना पाना है,
बस यूं ही काम चलाना है।

: नितिन गडकरी :
मुझको बढ़ते जाना है, क्योंकि उनकी पाना है।

: जेपी नड्डा :
ठोकूं अंदर अंदर ताल,
मैं भी चलता तगड़ी चाल।

: एल के आडवानी :
समय ने कितनी डाली धूल, अपने भी गये मुझको भूल।

: मुरली मनोहर :
सबकुछ जग में समय कराये, तभी तो अब हैं मुझे भुलाये।

स्मार्ट हलचल/

: मल्लिकार्जुन खड़गे :
अब क्या मैं कर पाऊंगा, केवल नाम चलाऊंगा।

: सोनिया गांधी:
जो चाहा वह हो ना पाया, बेटा भी पप्पू कहलाया।

: राहुल गांधी :
जीते जी क्या पाना है,
या फिर यूं मिट जाना है।

: प्रियंका गांधी :
देती भइया हर दम साथ,तब फिर भी लकवा वाला हाथ।

: योगी आदित्य नाथ :
जब भी मौका पाऊंगा,
हिंदू राष्ट्र बनाऊंगा।

: सतीश महाना :
जो चाही वह मिल ना पाई, जय जय तेरी कुर्सी माई।

स्मार्ट हलचल/

: अखिलेश यादव :
भैया हर जन सत्य पुकारे, अब तो दिन लद गए हमारे।

: शिवपाल यादव :
दिल ने मेरे माना है,
नहीं कभी अब पाना है।

: मायावती:
अब नम्बर ना आयेगा,
फिर भी हाथी खायेगा।

: लालू यादव :
अब तो कभी ना पाना है, बस जोकर कहलाना है।

: तेजस्वी यादव :
देखो क्या कर पायेंगे।
केवल जीभ चलाएंगे।

: नितीश कुमारः
अंतिम इच्छा पूर्ण करा दो,
एक बार उनकी दिलवा दो।

:रेखा गुप्ता:
समय कहां कब देखा है, भाग्य चमकती रेखा है।

: अरविंद केजरीवाल:
कैसे खेलूं अब कोई खेल, भिजवाएंगे क्या फिर जेल।

: मनीष सिसौदिया :
मेरा सारा बिगड़ा खेल,
अब क्या भाई बेचूं तेल।

: संजय सिंह :
हथकंडे सारे अपनाए, लेकिन वे भी काम ना आए।

: ममता बनर्जी :
सपना मेरा पूर्ण करा दो। उन्हें हटा मुझको बैठा दो।

: डॉ मोहन यादव :
चली भाग्य की मेरी रेल,
मेरा भी तो तगड़ा खेल।

: नायब सिंह सैनी :
बड़े भाग्य से मैंने पाई,
कौन रास्ता होय कमाई।

: भगवंत मानः
हम भी अपना काम बनाते, सबसे पहले पैग लगाते।

: हेमंत सोरेन :
किया बहुत है लंबा खेल, भिजवाएंगे क्या फिर जेल।

: चंपई सोरेन :
जब भिजवाया उनको जेल, तभी बना था मेरा खेल।

: पुष्कर सिंह धामी :
कोई विरोधी समझ ना पाता, कैसे अपना काम बनाता।

: एम के स्टालिन :
बहुत रास्ते आये माल, दुश्मन समझ ना पाये चाल।

: हिमंत विस्वा सरमा : किससे कैसे रखना मेल, कोई ना समझे मेरा खेल।

:मोहन चरण माझी:
कर्मों से ही पाया हूं,
नीचे से ही आया हूं।

: सुखबिन्दर सिंह सुक्खू : मेरा भी तो समझो हाल,मैं भी करता भाई कमाल।

:देवेन्द्र फडनवीस:
मेरा मन भी सत्य बताए,
जाने कितने घात लगाए।

: एक नाथ शिंदे :
कुछ भी भाई समझ ना पाऊं,
कैसे अपना काम बनाऊं।

: उद्धव ठाकरे :
नहीं जमाओ मुझ पर धाक, मैं भी सत्ता का चालाक।

: राज ठाकरे :
कोई तो अब राह बताए,
राज सुंदरी कैसे आए।

: शरद पवार :
मन की सरल नहीं हो पाना,
बस ऐसे ही मिटते जाना।

: संजय राउत :
अपना काम बनाना है,
सब में टांग अड़ाना है।

: भजन लाल शर्मा :
ना जाने कोई मेरा हाल,
मैं भी चलता पक्की चाल।

:भूपेन्द्र पटेल:
अपना काम बनाना आए, मेरी कुर्सी वही बचाए।

:उमर अब्दुल्ला:
मुश्किल से है मैंने पाई, इसीलिए कर रहा कमाई।

: गौतम अडानी :
यदि चाहो सरकार चलाना,
मुझको भूल कभी मत जाना।

: मुकेश अंबानी :
केवल उससे मुझको प्यार,देता है पूरा संसार।

: अनिल अंबानी:
समझो ना मुझको कमजोर, मेरा भी उसपर ही जोर।

: बाबा रामदेव :
मौ भी खेलूं जमकर पारी,
मैं भी बहुत बड़ा व्यापारी।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
AD dharti Putra
logo
AD dharti Putra
RELATED ARTICLES