बारिश के बावजूद घाटों पर उमड़ा आस्था का सैला, पुरुष व महिलाओं ने जल में खड़े होकर दिया सूर्यदेव को अर्घ्य!
भीलवाड़ा। लोक आस्था और सूर्य उपासना के प्रतीक छठ महापर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा हैं, सोमवार शाम को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ छठ का पर्व मनाया। भक्ति, श्रद्धा और उत्साह से ओत-प्रोत माहौल में शहर के मानसरोवर झील व वाटर वर्क्स, नेहरू तलाई, पटेल नगर विस्तार और देवनारायण सर्किल पर घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर सूर्यदेव से परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की।
श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी नहीं
सुबह से हल्की-फुल्की बारिश और ठंडी हवाओं के बावजूद श्रद्धालुओं के जोश में कोई कमी नहीं दिखी। पूर्वांचल जन चेतना सेवा समिति की ओर से घाटों पर सुबह से ही तैयारियों का दौर जारी था। समिति के पदाधिकारी और सदस्य पूरे समर्पण भाव से व्यवस्था संभाले रहे — ताकि किसी भी व्रती को अशुद्धता, असुविधा या गंदगी का सामना न करना पड़े।
सुरक्षा और स्वच्छता पर खास फोकस
समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार राय ने बताया कि समन्वय से प्रशासन ने भी प्रभावी इंतजाम किए। घाटों पर SDRF टीम, मेडिकल टीम, पुलिस व एम्बुलेंस सेवा तथा अग्निशमन वाहन तैनात रहे। जगह-जगह बैरिकेडिंग कर भीड़ नियंत्रण किया गया। स्वच्छता के लिए नगर निगम की टीमें लगातार सफाई कार्य में जुटी रहीं।
घाटों पर भक्ति का उत्सव
छठ घाटों पर शाम होते ही दीपों की रौशनी और भजन-कीर्तन के सुरों से वातावरण आध्यात्मिक बन गया। पुरुष एवं महिलाएँ पारंपरिक वेशभूषा में सिर पर दऊरा लेकर जल में खड़े रहें और भगवान सूर्य से अपने परिवार की मंगलकामना की। व्रतधारियों की सेवा में समिति के पदाधिकारी व सदस्य प्रसाद वितरण, मार्गदर्शन और व्यवस्था संभालते नजर आए।
उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ कार्यक्रम होगा समापन
मंगलवार को उगते सूर्य को अर्घ्य के साथ होगा समापन यह पर्व चार दिनों तक चलने वाला है, जो मंगलवार की सुबह उगते हुए सूर्य को अर्घ्य अर्पित करने के साथ संपन्न होगा। इसके साथ ही व्रतधारी अपने 36 घंटे के निर्जला व्रत का पारण करेंगे।
छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
पूर्वांचल जनचेतना सेवा समिति के ओम प्रकाश सिंह ने बताया कि भीलवाड़ा में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी छठ घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और प्रशासन तथा समिति के संयुक्त प्रयासों से पर्व पूरी तरह शांतिपूर्ण और व्यवस्थित ढंग से प्रारंभ हुआ।
बारिश भी न रोक सकी आस्था की लहर
हजारों व्रती परिवारों सहित पहुंचकर सूर्यदेव की आराधना में लीन नजर आए, घाटों पर सजे पारंपरिक पूजा स्थलों, दीपों की रौशनी और छठ गीतों की गूंज ने पूरे वातावरण को भक्तिमय बना दिया।
यह रहें उपस्थित
डॉ. अशोक सिंह, रोशन सिंह, सूरज गुप्ता, कामेश्वर शाह, सुरेश चंद्रवंशी, फुलेन्द्र गुप्ता, कामेन्द्र सिंह, दिनेश कामत, वीरेंद्र गिरी आदि उपस्थित थे।


