राजेश शर्मा धनोप।
शाहपुरा जिले के फूलियाकलां थाना क्षेत्र के पनोतिया गांव में एक माह की मासूम बच्ची को जुकाम व निमोनिया होने के बाद उसकी मां एक ग्रामीण के पास डाम लगवाने ले गई। जहां डाम लगवाने से मासूम की तबियत बिगड़ गई है। इसके बाद मासूम को महात्मा गांधी अस्पताल में लाया गया है, जहां वह अपनी जिंदगी से संघर्ष कर रही है। पनोतिया गांव निवासी सोनिया पत्नी रामदास बागरिया ने मातृ एवं शिशु चिकित्सालय में बताया कि उसका पति रामदास बाहर रहता है। उसकी बेटी मोनिका को जुकाम और निमोनिया हो गया था। आठ दिन पहले वह बेटी मोनिका को अस्पताल नही ले जाकर अरवड़ गांव में एक व्यक्ति के पास ले गई। उक्त व्यक्ति ने उसे कहा कि डाम लगाने से उसकी बेटी ठीक हो जायेगी। इसके बाद इस व्यक्ति ने उसकी बेटी को डाम लगाया। इसके बाद भी जब उसकी तबीयत ठीक नहीं हुई तो उसे शाहपुरा अस्पताल ले गई। जहां उसे भर्ती कर इलाज करवाया। वहां से उसे यह बताते हुये कि बच्ची छोटी है इसे घर ले जाओ और बच्ची को छुट्टी दे दी। वह बेटी को घर ले आई। लेकिन तबीयत ठीक नहीं होने पर वह अपनी मौसी सास को साथ लेकर बेटी को शाहपुरा अस्पताल ले गई, जहां उसे बताया गया कि उसकी बेटी को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।तो उसे भीलवाड़ा ले जाने को कहा। उसके बाद वह बेटी को जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु चिकित्सालय ले गई, जहां उसकी बेटी को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है।
दूध मोही मासूम बच्ची के जीवन से जन्म देने वाली मां ने किया खिलवाड़, बीमारी का इलाज करवाने के लिए भोपे से लगवाया डाम, तबियत बिगड़ी आईसीयू में करना पड़ा भर्ती
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