बदनोर। ब्यावर जिले के बदनोर कस्बे में बेरोज़गारी एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। जिसके कारण लोग पलायन को मजबूर हो रहें है, उपखण्ड क्षेत्र के भोजपुरा, भादसी, मोठी मोगर व ओझियाणा के साथ-साथ अब बदनोर पंचायत के कई परिवार पलायन करके बिजयनगर भीलवाड़ा सहित गुजरात महाराष्ट्र की ओर पलायन कर चुके है। कस्बे में खनन एक मात्र रोजगार उपलब्ध करवा रहा था जिसमे सैकड़ो परिवार रोजगार कर रहें थे लेकिन कोर्ट के आदेश के बाद से खनन व्यवसाय बंद हो चुका है। सरपंच से केंद्र तक भाजपा सरकार की सरकार है।और कहने क़ो डबल इंजन की सरकार है, भाजपा सरकार होने के बावजूद रोजगार नहीं है। बदनोर उपखण्ड मुख्यालय होकर भी मुलभुत आवश्यकता नहीं है। रोजगार के लिए भी कोई अवसर उपलब्ध नहीं है, पलायन करने वाले ग्रामीणों का कहना है कि कस्बे में रोजगार नहीं हैं व बदनोर में खदाने एक मात्र व्यवसाय है लेकिन वो भी बंद हो जाने से बेरोजगार चरम सीमा पर है परिवार का भरण पोषण करने के लिए जहाँ रोजगार मिले वहाँ जाना पड़ रहा है। वहीं कुछ ग्रामीण रिको लघु उद्योग की उम्मीद में हैं। सोचने का विषय यह है कि कौनसा नेता अब बदनोर के विकास को रोक रहा है या नेताजी बदनोर को भूल गए है। विधानसभा हो या लोकसभा दोनों में बीजेपी को बदनोर ने बहुमत दिया परंतु ग्रामीणों को रोजगार की आस एक सपने जैसी ही लग रहीं है। वर्तमान बदनोर पंचायत और पंचायत समिति ने कभी भी कोई लघु उद्योग का प्रस्ताव राज्य या केंद्र सरकार को नहीं भेजा।