हरनावदाशाहजी. स्मार्ट हलचल/कस्बे में आये दिन सांडों का झुंड लड़ाई लड़ते नजर आता है। कस्बे के मुख्य बाजार हो या फिर बस स्टैण्ड समेत हर जगह बेसहारा पशुओं का जमघट रहता है। वहीं सांड जब चाहे कहीं भी आपस में झगड़ पड़ते हैं। इन सांडों की लड़ाई में दुपहिया और चारपहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। ग्राम पंचायत प्रशासन के पास भी इन बढ़ते गोवंश पर अंकुश लगाने की कोई ठोस कार्य योजना नहीं है।
गौरतलब है कि पशुपालकों की ओर से अपने गोवंश को बाजारों में विचरण करने के लिए खुला छोड़ देने की प्रवृति बढ़ रही है। इस वजह से जहां देखो हर जगह बेसहारा गोवंश नजर आता है। गोवंश पर सड़क के बीच आकर बैठ जाते हैं। जिससे वाहनों के आवागमन में दिक्कत होती है। हालात यह है कि कई बार बीच सड़क पर ही दो सांडों की भिड़ंत शुरू हो जाती है। इनके बीच की यह लड़ाई इतनी खतरनाक होती है कि कोई उन्हें छुड़ा नहीं सकता। काफी देर तक दोनों के बीच लड़ाई होने के बाद जब एक सांड थक जाता है तो फिर वह मैदान छोड़ कर भाग जाता है, तब कहीं जाकर झगड़े का विराम होता है। तब तक कई दुपहिया वाहन सड़क पर गिरकर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं तो सड़क किनारे खड़े चार पहिया वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए बिना नहीं रहते। ग्राम पंचायत प्रशासन भी इनके आगे लाचार नजर आता है। ग्राम पंचायत प्रशासन के पास इनके लिए कोई ठोस योजना नहीं होने से इन पर अंकुश लगाना मुश्किल हो रहा है। वहीं कस्बे में बेसहारा गायों को भी सड़कों पर छोड़ रहा है। इससे दुर्घटना का अंदेशा बना रहता है।