सुभाष आनंद
स्मार्ट हलचल|हुसैनी वाला के पार से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार पैसे के लालच में फंस कर सीमा की कंटीली रेखा के पार खेतीबाड़ी करने के बहाने किसान मजदूर तस्करी के धंधे में लगे हुए हैं ,जो भारतीय सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकता है । पिछले दिनों सुरक्षा कमेटी ने भारत सरकार को सुझाव दिया था कि कंटीली रेखा के पार खेती-बाड़ी का धंधा तुरंत बंद किया जाए ताकि देश की सुरक्षा को यकीनी बनाया जा सके।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां किसानों ने अपनी-अपनी यूनियन बना ली है जो सीमा सुरक्षा बलों की सख्ती को लेकर समय-समय पर प्रदर्शन करती रहती है ,लेकिन उनके प्रदर्शन के पीछे कई रहस्य छुपे हुए होते हैं।
तस्करों और घुसपैठियों की सरहद पार करने की कोशिशें अब सतलुज नदी के दोनों किनारों पर बी एस एफ की पोस्ट बनाए जाने, नदी में एंटी डिवाइस यूनिट स्थापित करने के पश्चात लगभग समाप्त सी हो गई है ,लेकिन अब ड्रोनों द्वारा तस्करी की जा रही है। सीमा पर बसे किसान इन ड्रोनों के द्वारा जहां नशीले पदार्थों की तस्करी कर रहे हैं वहीं नाजायज हथियार मंगवाकर गैंगस्टरों को सप्लाई कर रहे हैं।
2015 में पाकिस्तान से नशीले पदार्थों की सप्लाई को लेकर फिरोजपुर सीमावर्ती जिले में कई सीमा सुरक्षा बल के अफसरों के साथ-साथ पंजाब पुलिस के बड़े अधिकारी भी पकड़े गए थे जो अभी तक सलाखों के पीछे है। ममदोट सेक्टर में तैनात सीमा सुरक्षा बल के जवान सिंगारा सिंह को 99 किलो हेरोइन भारत की सीमा से सप्लाई करने के आरोप में पकड़ा गया। इससे पहले सीमा सुरक्षा बलों के जवान में गुरप्रीत सिंह और विक्रमजीत सिंह को 19 किलो हेरोइन के साथ पकड़ा गया। एक अन्य फौजी जवान हरप्रताप ने बताया कि वह जब से यहां तैनात है वह डेढ़ क्विंटल से ज्यादा हेरोइन भारत में भेज चुका है।
इस मामले में पंजाब पुलिस का दामन भी साफ नहीं है, तस्करी करवाने में पंजाब पुलिस के जवान एवं अधिकारी भी पीछे नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीमावर्ती क्षेत्रों में पंजाब पुलिस के कई अधिकारियों पर तस्करी के मामले दर्ज किया जा चुके हैं। फिरोजपुर छावनी में तैनात अनिल कुमार को गुप्त सूचनाओं के आधार पर पकड़ा गया था। पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसियां बड़े-बड़े लालच देकर सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस को भी खरीद रही है।
नशा तस्करी के द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादी बॉर्डर के गुप्त ठिकानों में रह रहे ड्रग माफिया से संबंध बनाने में सफल हो रहे हैं, भरोसा कायम होने के पश्चात उनसे सूचनाऐं एकत्रित होने के पश्चात उन्हें शेयर किया जा रहा है। गुरदासपुर के सीमावर्ती जिले का दौरा करने के पश्चात पता चला है कि पिछले कुछ महीनों से पाकिस्तान से नशा तस्करी का अभियान चल रहा है। ग्रामीणों ने दबी जुबान में कहा है कि ड्रग माफिया,पुलिस प्रशासन,सीमा सुरक्षा बल एवं राजनीतिक लोगों की शह पर ही यह सभी काम कर रहे हैं। दोनों देशों के तस्कर बेखौफ सरहद के पास जाकर पाकिस्तानी लोगों के साथ बैठकर यह अवैध धंधा करते हैं।
गुरदासपुर में नशा तस्करी, भूमाफिया और रेत माफिया को पूरी तरह सरकार का संरक्षण प्राप्त है। सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रग माफिया के पीछे प्रभावशाली लोगों का हाथ बताया जाता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में किसान यूनियन की आड़ में बड़े-बड़े किसान नशीले पदार्थों के धंधे में लिप्त पाए गए हैं। किसान यूनियन ने अपनी किसानी की आड़ में सीमावर्ती सीमाओं में करोड़ों रुपए के नशीले पदार्थों की तस्करी की है, जिसके सबूत अब मिल रहे हैं। अब कई संगठनों ने देश हित में कंटीली तार के पास कृषि योग्य भूमि पर खेतीबाड़ी पर पूर्ण रुप से प्रतिबंध लगाने की मांग की है ताकि सीमा सुरक्षा बलों को कार्रवाई करने में कामयाबी मिल सके।
यदि राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर सीमा के पार कंटीली तारों के पास कृषि कार्य रोक दिया जाए तो पाकिस्तान से आने वाले हथियारों के साथ-साथ नशीले पदार्थों की तस्करी में भी काफी कमी आएगी। पाकिस्तान से बड़ी मात्रा में हथियारों की सप्लाई चिंता का विषय बनी हुई है ।