– 27 साल से बकाया भुगतान के इंतजार में अब तक 60 की मौत और 100 से ज्यादा मौत की ओर अग्रसर
– दोनों भविष्य निधि आयुक्तों का तबादला कराने में सफलता को लेकर चर्चा में कांग्रेस का वरिष्ठ नेता
– हेराल्ड संपत्तियों पर शिकंजे को लेकर कर्मचारियों के बकाया भुगतान के लिए लिखा ईडी को पत्र
सुनील बाजपेई
कानपुर।स्मार्ट हलचल|केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार होने के बाद भी प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस की साजिश सैकड़ों कर्मचारियों के हित के खिलाफ अपने इरादे में सफल हो गई। उसने भविष्य निधि के उन दो आयुक्तों का तबादला करा दिया जो कर्मचारियों के करोड़ों बकाया भविष्य निधि अंशदान जल्द से जल्द दिलाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समाचार पत्र नवजीवन, नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज की प्रकाशक संस्था एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड (एजेएल) पर अपना शिकंजा सफलता पूर्वक कस चुके थे।
पीड़ित कर्मचारियों का दावा है कि अगर प्रकरणों को गंभीरता पूर्वक देख रहे क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त प्रथम श्री नवीन कुमार कन्नौजिया व क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त द्वितीय श्री मारूति नन्दन त्रिपाठी का अचानक तबादला नहीं कर दिया जाता तो अब तक उनके बकाया भविष्य निधि अंशदान की भुगतान की शुरुआत अवश्य ही हो चुकी होती। जिसके लिए वह लोग बीते 27 सालों से लगातार संघर्ष कर रहे थे।
भविष्य निधि कार्यालय से जुड़े सूत्रों की माने तो दोनों भविष्य निधि आयुक्तों नवीन कनौजिया और मारुति नंदन त्रिपाठी का तबादला कांग्रेस के ही एमएलसी बताए जाने वाले एक बड़े नेता द्वारा करवाया गया। कांग्रेस के इस नेता की मोदी सरकार में भी बहुत मजबूत पकड़ बताई जाती है ,जिसके फलस्वरूप ही वह ए जे एल के कांग्रेसी मालिकानों के पक्ष में कर्मचारियों के खिलाफ दोनों भविष्य निधि आयुक्तों का तबादला कराने में सफल रहा। और अब अगर इसी संदर्भ में पीड़ित कर्मचारियों की बात करें तो अपने इसी बकाया भुगतान का इंतजार करते-करते अबतक 60 से अधिक कर्मचारी परेशान होकर मौत का भी शिकार हो चुके हैं जबकि 100 से अधिक कर्मचारी मृत्यु की ओर अग्रसर हैं।
ए जे एल कर्मचारियों के लिए लगातार जुझारू संघर्ष कर रहे हिन्द मजदूर किसान पंचायत के राष्ट्रीय सचिव व प्रदेश महामंत्री राकेशमणि पाण्डेय ने बताया कि क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त नवीन कुमार कन्नौजिया और मारूती नन्दन त्रिपाठी द्वारा की गई प्रभावी कार्रवाई के चलते ही सारी आपत्तियों को निरस्त करते हुए 1993 से लेकर वर्ष 2005 के मध्य कर्मचारियों के अवशेष, भविष्यनिधि अंशदान एवं रू0 1989 से लेकर 2005 के मध्य दिये गये भुगतान रू0 40 माह का भविष्यनिधि कटौती और क्षतिपूर्ति का आकलन करके सेवायोजकों को नोटिस प्रेषित कर क्षेत्रीय भविष्यनिधि आयुक्त मारूती नन्दन त्रिपाठी अन्तिम रूप से सेवायोजकों को अभिलेखीय साक्ष्य के साथ भुगतान सुनिश्चित करने के भी निर्देश दे चुके थे, जिससे कर्मचारीगण अति उत्साहित थे लेकिन अब अचानक प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने शिकंजा करते हुए धोखाधड़ी, गोलमाल और धन शोधन जैसे आरोपी की जांच में निकले निष्कर्ष के फलस्वरुप कर्मचारियों के देयों का लगभग 130 करोड़ हड़पने वाले और यंग इण्डिया को खुद ही खरीद कर खुद ही बेचने वाले एसोसिएटेड जनर्ल्स लिमिटेड के मालिकान और निधि ट्रस्ट की शेयर होल्डर रहीं सोनिया गांधी तथा राहुल गांधी यानी कांग्रेस की करोड़ों की संपत्ति जप्त करने की कार्यवाही शुरू करके एसोसिएटेड जनरल्स लिमिटेड के दर्जनों कर्मचारियों को उनके करोड़ों के बकाया भुगतान के मामले में पहले से और ज्यादा पीड़ित होने को भी मजबूर कर दिया है ,जिसके बारे में ए जे एल कर्मचारियों के हित में लगातार संघर्ष कर रहे वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशक को भी लिखे पत्र में अवगत कराया है कि मेसर्स एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड कैसरबाग के अधीन 346 कर्मचारियों का लखनऊ व दिल्ली के प्रतिष्ठानों को बन्द करने के परिप्रेक्ष्य में लखनऊ स्थित कर्मचारियों को उपरोक्त प्रबन्ध तंत्र के विरूद्ध लगभग 14 करोड़ 87 लाख भुगतान अन्तर अवशेष है। जिसके लिए लखनऊ स्थित श्रम अधिनियम को तहत विभिन्न वाद भी योजित किये गये हैं।
इस बारे में हेराल्ड कर्मचारियों के साथ लगातार बैठक भी कर रहे वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे द्वारा प्रवर्तन निदेशालय निदेशक को लिखे गए पत्र के मुताबिक कर्मचारियों का वर्ष 1993 से लेकर 2005 की अवधि का कर्मचारियों का भविष्यनिधि अंशदान सेवायोजकों द्वारा पूर्णतया नहीं जमा किया गया है जो वर्तमान समय में 8 करोड़ से अधिक की धनराशि शेष है।
देयों को वसूल कर सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से कर्मचारियों को भुगतान कराने की गुज़ारिश निदेशक / अध्यक्ष ईडी से करते हुए श्रमिक नेता राकेश मणि पांडे द्वारा प्रेषित पत्र में यह भी लिखा गया है कि ईडी की कार्यवाहियों के चलते नेशनल हेराल्ड की परसम्पत्तियों को कब्जा किये जाने और किरायेदारी को भी वसूलने से कर्मचारियों की देनदारियों पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा,क्योंकि जब उक्त भुगतान के पश्चात् वसूली कार्यवाही कर कर्मचारियों की देनदारियों का निपटारा होने की कगार पर है तो इसी बीच में ईडी की कार्यवाही ने कर्मचारियों के हितों पर कुठाराघात कर दिया है ,क्योंकि अब इसी ईडी की कार्यवाही के बहाने सेवायोजक कर्मचारियों की देनदारियों से मुख मोड़ सकते हैं।
इस पत्र की प्रतिलिपि मुख्य भविष्य निधि आयुक्त, नई दिल्ली, प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और मेसर्स एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड़ के निदेशक पवन कुमार बंसल को भी भेजे जाने की जानकारी देते हुए कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए लगातार संघर्ष कर रहे चर्चित वरिष्ठ श्रमिक नेता राकेश मणि पांडेय ने यह भी चेतावनी दी कि हिन्द मजदूर किसान पंचायत तब तक शांत नहीं बैठेगी जब तक हेराल्ड मजदूरों के सभी बकायों के भुगतान नहीं कर दिए जाते ,जिसके लिए सेवायोजकों के कर्मचारी मजदूर विरोधी स्वार्थी चेहरे को भी बेनकाब करके ही दम ली जाएगी।