आने वाली पीढ़ी के लिए हमारे जल स्रोत और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण आवश्यक है : के के गुप्ता
नगर परिषद डूंगरपुर के तत्कालीन बोर्ड ने जल संरक्षण के क्षेत्र में किए ऐतिहासिक कार्य
डूंगरपुर,स्मार्ट हलचल। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण राजस्थान सरकार के प्रदेश समन्वयक और नगर परिषद डूंगरपुर के पूर्व सभापति के के गुप्ता ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करके अवगत कराया है कि हमारे आने वाली पीढ़ी के लिए उपलब्ध जल स्रोत और प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण करना बहुत आवश्यक है क्योंकि वर्तमान में हो रही ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के कारण पर्यावरण का तंत्र बिगड़ चुका है जिस कारण हम देख रहे हैं कि कम वर्षा वाले क्षेत्रों में ज्यादा वर्षा हो जाती है वहीं नमी वाले क्षेत्रों में अल्पवृष्टि हो रही है।
गुप्ता ने बताया कि हमारे जल स्रोतों में सबसे मुख्य रूप से जल वर्षा ऋतु के समय आता है। किसी गांव अथवा शहर के पास से प्रवाहित होने वाली नदी में ज्यादा जल वर्ष के समय ही आता है और यदि कहीं पर तालाब अथवा प्राचीन बावड़ी बनी हुई है वहां जलभराव भी वर्षा जल से ही होता है। इस कारण से हमें वर्षा के जल के महत्व को समझते हुए इसे सुरक्षित करते हुए वैज्ञानिक पद्धति के अनुसार उपाय करने चाहिए।
गुप्ता ने बताया कि हाल ही में आयोजित हुए राइजिंग राजस्थान सबमिट में मुख्य अतिथि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री महोदय श्री नरेंद्र मोदी ने अपने वक्तव्य में यह आह्वान किया कि जल स्रोतों का संरक्षण किया जाना चाहिए। राजस्थान प्रदेश का बहुत बड़ा भूभाग रेगिस्तानी है जहां पर वर्षा बहुत कम होती है लेकिन इन विकट परिस्थितियों में भी वहां जनता निवास करती है और प्राचीन पद्धति के अनुसार वहां जल का संचय किया जाता है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री महोदय श्री भजन लाल शर्मा जी द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के रूप में पुनः प्रारंभ किया गया है। इनमें जल संग्रहण एवं संरक्षण ढांचों का निर्माण, परम्परागत पेयजल एवं जल स्रोतों को पुनर्जीवित करना, गांव में पीने के पानी की कमी को दूर करना, भू-जल स्तर में वृद्धि करना एवं गिरते भू-जल के स्तर को रोकना, वर्षा जल संग्रहण एवं संरक्षण कर सिंचित एवं कृषि योग्य क्षेत्रफल को बढ़ाना, जल एवं मृदा संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करना तथा सघन वृक्षारोपण कर हरित क्षेत्र को बढ़ाना है।
नगर परिषद तत्कालीन बोर्ड द्वारा किए गए भागीरथी प्रयास
गुप्ता ने बताया कि वर्ष 2015 से 2020 तक नगर परिषद डूंगरपुर बोर्ड में उनके सभापति कार्यकाल के दौरान तत्कालीन वसुंधरा राजे सरकार द्वारा मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान चलाया गया। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य जल संरक्षण करना रहा। हमारे द्वारा इस अभियान के तहत डूंगरपुर नगर में बनी हुई रियासत काल की बावड़ियों और कुओं की साफ, सफाई एवं गहराई कराई गई। जिससे प्रतिदिन 8 लाख लीटर पानी नियमित मिलने लगा जिसे नियमित जल विभाग को दिया गया। शहरवासियों की जल की समस्या का काफी हद तक निवारण हुआ। क्षेत्र में शहर की झील, तालाबों को गहरा एवं साफ करवाया जिससे वर्षा का पानी लम्बे समय एवं प्रचुर मात्रा में एकत्रित करने में सहायक सिद्ध हुआ। इसके साथ ही डूंगरपुर शहर में पेयजल के लिए प्रमुख स्रोत डिमिया तालाब और एडवर्ड संबंध तालाब को गहरा करने का कार्य भी किया गया।
सरकारी भवन और मकान को वाटर हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट से जोड़ा
गुप्ता ने बताया कि वर्षा ऋतु में प्राप्त जल नालियों में बहकर व्यर्थ ही चला जाता था जिसका संचय करके वर्षा जल धरती में उतरने के लिए हार्वेस्टिंग सिस्टम से जोड़ने का निर्णय किया। शहर के 100 सरकारी बिल्डिंगों व 500 घरों को वाटर हार्वेस्टिंग से जोडने का कार्य तीव्र गति से किया। जिसमें छतों का वर्षा का पानी वाटर हार्वेस्टिंग के द्वारा बोरिंग से सीधा धरती में उतारा तथा एक साल में ही धरती के पानी का स्तर 20 फीट बढ़ गया एवं जो पानी का टीडीएस पहले 840 तक था वह घटकर 570 पर आ गया। शहर के नकारा 100 हैण्डपम्पों को वाटर हार्वेस्टिंग से जोडा गया जो आज भरपूर पानी दे रहे है। वाटर हार्वेस्टिंग कार्य हर घर के लिए अनिवार्य एवं पुरानी मकानों में जहां एवरेज वाटर हार्वेस्टिंग में रूपये 16 हजार का प्रति घर खर्चा आता था नगर परिषद् द्वारा जिसने भी घर पर वाटर हार्वेस्टिंग लगाया उसको 50 प्रतिशत सब्सिडी दी गई अर्थात मात्र 8 हजार रूपयों में ही वाटर हार्वेस्टिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई।
इस प्रोजेक्ट से प्रभावित होकर तत्कालीन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेंद्र सिंह शेखावत महोदय द्वारा दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिए गए कि उनके अधिकारी डूंगरपुर निकाय जाकर इस पद्धति का अध्ययन करें। इसके पश्चात दिल्ली सरकार द्वारा वाहन डूंगरपुर नगर परिषद वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल को अपनाया गया और लागू किया गया जिसके तहत कुल राशि 50 हजार रूपए की सब्सिडी रखी गई वहीं, यह सिस्टम लगाने वाले भवन मालिक को पेयजल बिल में लगभग 10 प्रतिशत कटौती करके प्रोत्साहित भी किया गया। तत्कालीन जल मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह द्वारा डूंगरपुर के जल संचय व जल संरक्षण की तारीफ दिनांक 4 दिसंबर 2023 को संसद में भी की गई तथा डूंगरपुर को कई बार भारत सरकार द्वारा जल सम्मान से नवाजा गया।
नगर क्षेत्र में पेयजल में क्लोराइड की समस्या का भी किया निराकरण
गुप्ता ने बताया कि नगर क्षेत्र में धरती के पानी में फ्लोराइड तत्व की मात्रा बहुत अधिक आ रही थी और इस बीमारी के कारण मनुष्य के दांत पीले पड़ जाते हैं और पैरों की हड्डियां कमजोर हो जाती। डूंगरपुर नगर के निवासियों को भविष्य में इस प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं का सामना नहीं करना पड़े इसको भी ध्यान में रखते हुए तत्कालीन नगर परिषद बोर्ड द्वारा नगर के प्रमुख स्थानों पर मिनरल युक्त पेयजल के आर ओ फिल्टर प्लांट स्थापित किए गए। इन प्लांट पर मात्र 5 रुपए के अल्प शुल्क पर पूरे 20 लीटर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया जाता रहा तथा शहर में 18 जगह प्याऊओ में फ़िल्टर प्लांट लगवाये गए जिनके टीडीएस की नियमित जाँच भी करवाई गई।