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द्वादश ज्योतिर्लिंग का नित्य स्मरण करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते है – स्वामी अनंतराम शास्त्री,Dwadash Jyotirlinga remembrance

Daily remembrance of Dwadash Jyotirlinga

बन्शीलाल धाकड़

स्मार्ट हलचल/बड़ीसादड़ी गुरुदेव ने कथा में द्वादश ज्योतिर्लिंग के विषय में सौराष्ट्र में सोमनाथ,श्री शेल्लम में मल्लिकार्जुन,उज्जैन में महाकाल, विंध्याचल पर ओंकारनाथ, वैधनाथ, भीमाशंकर ,रामेश्वरम,नागेश्वर ,वाराणसी में विश्वनाथ, त्रयंबकेश्वर, केदारनाथ इन द्वादश ज्योतिर्लिंग का नित्य स्मरण करने से व्यक्ति के पाप नष्ट हो जाते है।वह व्यक्ति भोलेनाथ की कृपा से सांसारिक जीवन में सुखों का आनंद लेता है। साथ ही यदि इन ज्योतिर्लिंग के दर्शन का सौभाग्य मिल जाए तो वह व्यक्ति परम् आनन्द का भागीदार होता है। द्वादश ज्योतिर्लिंगों की महिमा अपरंपार है। शिव महापुराण कथा श्रवण से इन सभी ज्योतिर्लिंग के दर्शनों का लाभ मिलता है। ये समस्त ज्योतिर्लिंग अविनाशी है। सम्पूर्ण संसार में प्रलय आ जाने पर भी इनका कोई अंत नहीं होता है।ये समस्त ज्योतिर्लिंग स्वरूप है। उपरोक्त उद्गार स्वामी अनंतराम जी शास्त्री ने शिव महापुराण की कथा प्रसंग का वाचन करते हुए पंचम दिवस की कथा में शोभनाथ मन्दिर में व्यक्त किये।। महादेव महिला मंडल एवं नगरवासियों की ओर से आयोजित सप्तदिवसीय कथा का विश्राम रविवार को वैदिक विधि विधान से यज्ञ हवन के बाद होगा नगर सहित उदयपुर चित्तौड़गढ ,सांगरिया,भाटौली,करजू,पिण्ड ,भाणुजा,आलाखेड़ी,जलोदा जागीर आदि अनेक गाँवो के श्रद्धालु उपस्थित हो रहे।

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