Homeराजस्थानअलवरई-मित्र प्लस मशीनें बनीं शोपीस, निवेश का उद्देश्य हुआ व्यर्थ !

ई-मित्र प्लस मशीनें बनीं शोपीस, निवेश का उद्देश्य हुआ व्यर्थ !

स्मार्ट हलचल/नीमराना कस्बे के एसडीएम ऑफिस, तहसीलदार ऑफिस और पंचायत समिति विकास अधिकारी के कार्यालय के ठीक सामने लगी ई-मित्र प्लस मशीनें आज शोपीस बनकर खड़ी हैं। लाखों रुपये की लागत से लगाई गई ये मशीनें, जो जनता को सरकारी सेवाएं जैसे मूल निवास, जाति प्रमाण पत्र, जमा बंदी, बिजली-पानी बिल भरने जैसी सुविधाएं प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित की गई थीं, अब उपयोग में नहीं लाई जा रही हैं।
इन मशीनों को ग्राम पंचायत, पंचायत समिति, एसडीएम ऑफिस, और तहसील स्तर पर स्थापित किया गया था ताकि आम नागरिकों को सरकारी सेवाओं का डिजिटल और सहज अनुभव मिल सके। लेकिन देखरेख और संचालन की कमी के कारण ये मशीनें धीरे-धीरे कबाड़ में बदल रही हैं।

क्या हैं समस्याएं?—
तकनीकी खराबी— कई मशीनें लंबे समय से तकनीकी खराबी के कारण बंद पड़ी हैं। इन्हें सुधारने के प्रयास नहीं किए गए हैं।
संचालन में लापरवाही— मशीनों को चलाने और उपयोग के लिए प्रशिक्षित कर्मचारी या संसाधनों की कमी है।
जागरूकता का अभाव—-ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में लोग इन मशीनों की सुविधाओं और उपयोग के तरीकों से अनजान हैं।

जनता को हो रही असुविधा—
ई-मित्र प्लस मशीनें बंद होने से नागरिकों को अब अपनी आवश्यक दस्तावेज़ी सेवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इससे समय और पैसे दोनों की बर्बादी हो रही है।

प्रशासन की जिम्मेदारी—
प्रशासन द्वारा इन मशीनों को दोबारा चालू करने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। इनकी नियमित मरम्मत और संचालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए ताकि जनता को डिजिटल सेवाओं का लाभ मिल सके और सरकार की मंशा पूरी हो सके।

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