पूर्वी अफ्रीकी देश केन्या जनता के विरोध प्रदर्शन के कारण सुर्खियों में है। संसद में अमर्यादित आचरण के बाद अप्रिय स्थिति पैदा हो गई। आंसू गैस के गोले छोड़े जाने और हिंसा की खबरों के बीच केन्या के शीर्ष नेता ने सुरक्षा का संकल्प दोहराया है। केन्या के नेता ने संसद पर हमले को सुरक्षा के लिए खतरा बताया और कहा है कि ऐसी अशांति ‘किसी भी कीमत पर’ दोबारा नहीं होगी।
मीडिया से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इसी बीच भारत ने अपने नागरिकों को इस अफ्रीकी देश में हिंसक विरोध प्रदर्शनों के बाद उपजी ‘तनावपूर्ण’ स्थिति से ‘अत्यधिक सावधान’ रहने की सलाह दी है। राजधानी नैरोबी स्थित भारतीय उच्चायोग ने एक परामर्श में कहा, ‘मौजूदा तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए, केन्या में सभी भारतीयों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अनावश्यक आवाजाही से बचने और हालात सामान्य होने तक विरोध-प्रदर्शनों और हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में जाने से बचने की सलाह दी जाती है।’ आधिकारिक अनुमान के अनुसार, वर्तमान में लगभग 20,000 भारतीय केन्या में रह रहे हैं।
इससे पहले बुधवार को केन्या में उग्र विरोध-प्रदर्शन की खबरें सामने आईं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग करना पड़ा। हालात बेकाबू होने पर आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किए जाने की खबरें भी सामने आईं। प्रदर्शनकारियों में शामिल पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की बहन भी आंसू गैस के गोले की चपेट में आ गईं। मीडिया में आई खबरों के मुताबिक केन्या में प्रस्तावित कर वृद्धि के खिलाफ आक्रोश है। देश में व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। आक्रोशित जनता वित्त विधेयक 2024 के जवाब में 7 दिनों से सड़कों पर प्रदर्शन कर रही है। रैलियां आयोजित की जा रही हैं। जनता में उबाल के कारण देश भर में अशांति की खबर है।