मुकेश खटीक
मंगरोप।हमीरगढ़ इको पार्क और प्रस्तावित डियर ब्रीडिंग सेंटर को लेकर वन्यजीव प्रेमी पिछले सात वर्षों से प्रयासरत हैं,लेकिन अब तक कोई ठोस परिणाम नहीं मिल पाया है।वर्ष 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे द्वारा किए गए औचक निरीक्षण और डियर ब्रीडिंग सेंटर की घोषणा के बाद शुरू हुई प्रक्रिया आज भी अधूरी पड़ी है।वन्यजीव प्रेमियों द्वारा मुख्यमंत्री,वन मंत्री,स्थानीय विधायक एवं अन्य जनप्रतिनिधियों को स्मरण पत्र सौंपे गए और सम्मान समारोह आयोजित किए गए,फिर भी इको पार्क के विकास और डियर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना को लेकर ठोस कार्यवाही नहीं हो पाई है।
भीलवाड़ा जैसे औद्योगिक जिले के लिए लवकुश वाटिका,कंजर्वेशन रिजर्व एरिया और इको पार्क पर्यावरण संतुलन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।लेकिन प्रशासनिक उदासीनता और जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता के कारण यहां की जैव विविधता खतरे में पड़ रही है।कंजर्वेशन रिजर्व एरिया में नियमों की जानकारी के अभाव में अवैधानिक गतिविधियाँ तेजी से बढ़ रही हैं,जिन पर नियंत्रण आवश्यक है।हाल ही में स्थानीय सांसद द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इको पार्क में ठप पड़े विकास कार्यों को पुनः सक्रिय करने की मांग की गई है। यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के दो पत्रों के बावजूद विभागीय अधिकारियों की निष्क्रियता निराशाजनक है।संगम इंडिया द्वारा आयोजित पौध वितरण समारोह के दौरान “पीपल फॉर एनिमल” के प्रांत प्रभारी बाबूलाल जाजू ने जिला कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक के समक्ष भी इको पार्क के संरक्षण पर चिंता व्यक्त की और ठोस कदम उठाने का आह्वान किया।वन्यजीव प्रेमियों का कहना है कि यदि समय रहते ठोस कार्यवाही नहीं हुई,तो यह जैविक धरोहर धीरे-धीरे नष्ट हो जाएगी और जिले का पर्यावरणीय संतुलन बिगड़ जाएगा।