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पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ ईडी में पीएमएलए के तहत परिवाद भेजा

भीलवाड़ा / जयपुर /स्मार्ट हलचल /पब्लिक अगेंस्ट करप्शन संस्था के अध्यक्ष श्री कमलेश सक्सेना एडवोकेट ने धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, निदेशक प्रवर्तन निदेशालय एवं संयुक्त निदेशक परिवर्तन निदेशालय नई दिल्ली को परिवाद भेजकर निवेदन किया है कि पूर्व महापौर मुनेश गुर्जर के खिलाफ जांच कर कार्रवाई करें ।
परिवाद में कहा गया है कि05 अगस्त 2023 को श्रीमती मुनेश गुर्जर के निवास पर भ्रष्टाचार निरोधक विभाग के द्वारा तलाशी ली गई और उनके निवास स्थान से 41 लाख पचपन हजार पांच सौ रुपए नगद जप्त किए गए इस राशि के बारे में मुनेश गुर्जर व उसके पति स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए कि राशि कहां से आई। शिकायतकर्ता ने महापौर पर आरोप लगाया था कि वह जमीन के पट्टे जारी करने की एवज में अपने पति व दलालों के जरिए रिश्वत लेती है और इस संबंध में मुनेश गुर्जर के दो कर्मचारियों को और उसके पति को रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और कर्मचारी के घर से दो लाख रुपए जब्त किए गए थे, जो शिकायत कर्ता सुधांशु गिल ने पट्टों पर महापौर के हस्ताक्षर करवाने की एवज में रिश्वत दी थी और उसने भ्रष्टाचार निरोधक विभाग से कहा था कि वह भ्रष्टाचारियों को रंगे हाथों पकड़वाना चाहता है। इस संबंध में नगद राशि प्राप्त होने के पश्चात 6 अगस्त 2023 को प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 213/2023 दर्ज की गई थी और जो राशि महापौर के घर से बरामद हुई थी उसके चश्मदीद गवाह के बयान जांच अधिकारी ने दर्ज किए थे और गवाह हरीश कुमार ने जब्ती को ताइद करते हुए कहा कि इस अवैध राशि के बारे में महापौर और उसके पति कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे पाए इसलिए राशि जप्त की गई थी।
उपरोक्त एफआईआर में जांच करने के पश्चात महापौर उसके पति व दो अन्य अपराधियों के खिलाफ धारा 7-A प्रिवेंशन ऑफ़ करप्शन एक्ट तथा 120 बी भारतीय दंड संहिता का अपराध साबित पाया और महापौर के खिलाफ चार्जसीट फाइल करने से पहले अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करने के लिए निर्देशक डीएलबी को पत्र लिखा गया और दिनांक 6 सितंबर 2024 को निदेशक ने नियोजन स्वीकृति जारी कर दी और उसी क्रम में 19 सितंबर 2024 को महापौर एवं अन्य तीन के खिलाफ ऐसीबी न्यायालय संख्या एक जयपुर में चार्जशीट फाइल की गई और दिनांक 5 अक्टूबर 2024 को महापौर को न्यायालय द्वारा न्यायिक रियासत में लिया गया और शाम को न्यायालय ने उसकी जमानत प्रार्थना स्वीकार कर उसे रिहा किया।
क्योंकि मुनेश गुर्जर ने उसके निवास स्थान से बरामद राशि का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया इसलिए धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत उसने अपराध किया है और प्रवर्तन निदेशालय जांच करेगा तो बहुत बड़ी अवैध संपत्तियां मिलने की संभावना है क्योंकि चार्जसीट के अनुसार 7500 पट्टे जारी किए गए हैं और महापौर पर यह आरोप है कि वह एक पट्टे जारी करने के एक लाख से 10 लाख रुपए तक राशि वसूल करती थी। परिवाद के साथ में प्रथम सूचना रिपोर्ट व स्वतंत्र सरकारी गवाह कर्मचारी हरीश कुमार के बयान की प्रतिलिपि लगाई गई है जिसमें उसके सामने राशि जप्त की गई थी और महापौर व उसके पति ने स्पष्ट जवाब देकर नहीं बताया था कि वह राशि कहां से आई और किसकी है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
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स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
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