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ED की छापेमारी में 5 करोड़ कैश बरामद, चुनाव में इसका उपयोग होना था?ED team & Congress councilor

छत्तीसगढ़ के भिलाई से एक बड़ी खबर सामने आयी है। दरअसल, भिलाई के एक ड्राइवर के घर से पांच करोड़ रुपये कैश मिला है। प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई में ड्राइवर के घर से इतनी भारी मात्रा में कैश बरामद हुआ है। ये पैसा इतना अधिक था कि ईडी को रकम काउंट करने में पुरे छह घंटे लग गए। रकम गिनने के लिए एजेंसी को SBI से मशीन तक मंगानी पड़ी। ED को शक है कि ये पैसा महादेव एप का हो सकता है।

कमोड तक में भरे थे पैसे

जानकारी मिली है कि हाउसिंग बोर्ड औद्योगिक क्षेत्र में कल शाम ED की टीम ने एक ड्राइवर के घर पर दबिश दी लेकिन छापे के दौरान जब घर बंद मिला तो गवाहों के समक्ष पंचनामा बनाकर घर का ताला तोड़ा। ईडी की टीम जब घर के अंदर घुसी तो उनकी आंखे फटी की फटी रह गईं। करोड़ों रुपए की रकम खंडहर नुमा मकान में दीवान पलंग और वॉशरूम के कमोड में मिली।

पूर्व में रह चुका है कांग्रेस पार्षद का ड्राइवर
ED की टीम को जब इतनी भारी मात्रा में कैश मिला तो पैसे गिनने के लिए भारतीय स्टेट बैंक हाउसिंग बोर्ड से मशीन बुलाई। वहीं की एक युवती सिमरन को गवाह के तौर पर टीम ने अपने साथ रखा हुआ था। जिस मकान में छापा मारा गया था वह वाहन चालक असीम दास उर्फ बप्पा का बताया जाता है। असीम दास पूर्व में एक कांग्रेसी पार्षद का ड्राइवर रह चुका है। फिलहाल यह रकम महादेव एप की बताई जा रही है। मकान से मिले 2000 और 500 के नोट शामिल हैं। जानकारी के अनुसार रकम 5 करोड़ से भी अधिक हो सकती है। फिलहाल इस संबंध में कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। रेड के दौरान मकान के बाहर अच्छी खासी भीड़ इकट्ठा हो गई थी। इस दौरान जामुल पुलिस की टीम घर से कुछ दूर पर मौजूद रही। स्थानीय पुलिस को भी इस संबंध में कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं है।

ऑनलाइन सट्टा ऐप की आईडी चलाता है बप्पा
ईडी की इस टीम का नेतृत्व एक महिला अधिकारी कर रही थीं। ईडी की इस छापेमारी कार्रवाई में एक महिला अफसर समेत 7 आधिकरी शामिल थे। बताया जा रहा है कि बप्पा दास पेशे से ड्राइवर है और ऑनलाइन सट्टा ऐप की आईडी संचालित करता है। ऐसे में उसके पास से इतनी बड़ी रकम का मिलना हैरान करने वाला है। ED को आशंका है कि ये पैसा ऑनलाइन सट्टा ऐप का है जिसे चुनाव में खर्च करने के लिए रखा गया था। इस छापेमारी के बाद ईडी ने ड्राइवर के घर को सील कर दिया है।

बताया जाता है कि दोपहर लगभग तीन बजे कुछ युवक बोरों में कुछ लेकर आसिम के घर पहुंचे थे। बोरे छोड़कर वे चले गए थे। टीम देर रात को भी उसके निवास में डटी हुई है। पता चला है कि आसिम पूर्व में भिलाई की पार्षद और मेयर इन कौंसिल (एमआइसी) प्रभारी रीता गेरा का ड्राइवर था। यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि यह राशि महादेव सट्टा एप के संचालकों से जुड़ी है या हवाला की है।

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