लकी शर्मा
भीलवाड़ा। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (NGT) द्वारा राजस्थान में ईंट भट्टों के संचालन पर पूर्व में तय की गई सीमित अवधि की बाध्यता के बाद अब प्रदेश स्तर पर बड़ा बदलाव किया गया है। NGT के आदेश के आधार पर राज्य सरकार ने पहले 6 माह (1 जनवरी से 30 जून) की फायरिंग अवधि निर्धारित की थी, लेकिन अब क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए अवधि निर्धारण का अधिकार राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मंडल के क्षेत्रीय अधिकारियों को सौंप दिया गया था ।
इस संबंध में क्षेत्रीय कार्यालय, भीलवाड़ा में 17 नवंबर 2025 को एक अहम बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने की। बैठक में करीब 70 ईंट भट्टा मालिकों ने भाग लिया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि भीलवाड़ा जिले में ईंट भट्टों के संचालन हेतु प्रस्तावित अवधि 1 दिसंबर 2025 से 31 मई 2026 तक (6 माह) सुझाई गई है।
बैठक में ईंट भट्टा एसोसिएशन भीलवाड़ा के सचिव दिनेश पारिक व उपाध्यक्ष लाडूलाल पहाड़िया ने भीलवाड़ा के सीमावर्ती जिलों—नीमच, मंदसौर, राजसमंद, उदयपुर, चित्तौड़गढ़—में प्रस्तावित समयावधि की जानकारी देते हुए भीलवाड़ा में भी समान अवधि लागू करने की मांग रखी।
क्षेत्रीय अधिकारी ने विभिन्न जिलों के प्रस्तावों और मंडल की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए बताया कि भीलवाड़ा जिले के सभी ईंट भट्टों को 1 दिसंबर से 31 मई तक फायरिंग की अनुमति देने का निर्णय किया गया है , जिसका आदेश में क्षेत्रीय कार्यलय भीलवाड़ा द्वारा जारी किया जा रहा है ।
उन्होंने ईंट भट्टा संचालकों को निर्देश दिया कि संचालन अवधि में सभी पर्यावरणीय मानकों का पालन अनिवार्य रहेगा। निगरानी दल समय-समय पर निरीक्षण करेंगे और नियमों का उल्लंघन पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
ईंट भट्ठा मालिकों ने निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि नई व्यवस्था से संचालन में स्पष्टता आएगी और सीजन के दौरान उत्पादन प्रभावित नहीं होगा।


