शाहपुरा -मूलचन्द पेसवानी
शाहपुरा में शुक्रवार रात आध्यात्मिक उल्लास और भक्ति रस से सराबोर माहौल तब बना, जब धरती देवरा वाटिका में ‘एक शाम बालाजी के नाम’ भजन संध्या का भव्य आयोजन किया गया। युवा समाजसेवी एवं नेता चेतन वैष्णव द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदेश के सुप्रसिद्ध भजन गायक, गौसेवक एवं संत प्रकाशदास महाराज ने अपनी मधुर वाणी और विशिष्ट भक्ति शैली से उपस्थित भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया। भक्ति की इस सुरमयी संध्या में शाहपुरा सहित आसपास क्षेत्र से सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया और देर रात तक भजनों की धुन पर झूमते रहे।
संत प्रकाशदास महाराज ने कार्यक्रम की शुरुआत भगवान श्री राम और महादेव की स्तुति से की। उन्होंने शाहपुरा के रामस्नेही परंपरा का उल्लेख करते हुए कहा कि यह भूमि संतों और साधना की ऊर्जा से परिपूर्ण है। धरती देवरा का स्मरण करते हुए महाराज ने कहा, “धरती पर साक्षात देव यदि कोई है, तो वह महादेव हैं। और शाहपुरा का धरती देवरा, यहां की प्राचीन और अमूल्य धरोहर है।”
भजन संध्या में महाराज ने अपने लोकप्रिय भजन
“बोलो रे सतनाम, हर हर शिव शंकर नाम”
“चलो री वृंदावन, घूंघट हटाओ राधे”
“गोपाल तेरी गऊ मेरी जान, तेरी सेवा ही मेरी पहचान”
जैसे भजनों की प्रस्तुति दी, जिनको सुनकर उपस्थित भक्तगण भावविभोर हो उठे।
इसके साथ ही उन्होंने बालाजी समर्पित भक्तिगीत
“ओ बालाजी कर दो कृपा, चरणों में लग जाए जीव का निस्सा”
गाकर भक्ति का अद्भुत वातावरण निर्मित किया। महादेव और श्याम भक्ति के गीतों के बाद संत महाराज ने गौ सेवा का संदेश देते हुए कहा कि गौ माता सनातन की आत्मा हैं, और उनकी सेवा करना सच्चे धर्म का पालन है।
कार्यक्रम में मेजा के लोकप्रिय भजन गायक धर्मराज ने भी अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी। उन्होंने बालाजी और खाटू श्याम की स्तुतियों के साथ
“भक्तों की सुन ले रे बालाजी राजा”
“श्याम तेरी भक्ति ने मोहे रंग डाला”
जैसे भजनों से माहौल को भक्ति में डूबो दिया। धर्मराज के सुरों ने भक्तों को तालियों और जयकारों के साथ झूमने पर विवश कर दिया।
धरती देवरा वाटिका में आयोजित इस कार्यक्रम में भक्तों का उत्साह देखने लायक रहा। पूरे कार्यक्रम स्थल में “जय श्री राम”, “हर हर महादेव” और “जय बालाजी महाराज” के जयकारे गंूजते रहे। कई भक्त भक्ति रस में डूबकर नृत्य करते दिखे। महिलाएँ और युवा वर्ग बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत में संयोजक चेतन वैष्णव ने सभी अतिथियों एवं भक्तगणों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजनों से समाज को आध्यात्मिक ऊर्जा मिलती है और युवाओं में सनातन संस्कृति के प्रति श्रद्धा जागृत होती है।
धरती देवरा महादेव मंदिर के पुजारी रमेश वैष्णव ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शाहपुरा की आध्यात्मिक धरती पर यह भजन संध्या सदैव स्मरणीय रहेगी। उन्होंने संत प्रकाशदास महाराज और सभी सहयोगियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
संध्या में शाहपुरा क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, युवा नेता, व्यापारी एवं गौसेवक उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान गौ सेवा, धर्म और एकता का संदेश प्रतिध्वनित होता रहा। समारोह का समापन भगवान बालाजी के जयकारों और आरती के साथ हुआ, जिसमें सभी भक्तों ने भाग लिया और प्रसाद ग्रहण किया। भजन संध्या ने न सिर्फ भक्ति की अविरल धारा बहाई, बल्कि समाज में संस्कृति संरक्षण और गौसेवा का दृढ़ संकल्प भी उत्पन्न किया। शाहपुरा की यह आध्यात्मिक रात भक्तों के हृदय में लंबे समय तक गूंजती रहेगी।


