मीडिया और सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम संपन्न
चुनावी प्रक्रिया में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका- मुख्य चुनाव आयुक्त
सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से विभाग के सहायक निदेशक धर्मेंद्र मीणा ने लिया भाग
करौली। स्मार्ट हलचल|भारत के चुनाव आयोग ने 9 अप्रैल को नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डेमोक्रेसी एंड इलेक्शन मैनेजमेंट में मीडिया नोडल अधिकारियों, सोशल मीडिया नोडल अधिकारियों और जिला जनसंपर्क अधिकारियों के लिए एक दिवसीय ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया। ओरिएंटेशन का उद्देश्य मीडिया के उभरते परिदृश्य में चुनाव अधिकारियों के समन्वय और तैयारी को बढ़ाना था। ओरिएंटेशन कार्यक्रम में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के मीडिया अधिकारियों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य कानूनी ढांचे यानी जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951 के अनुसार विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से सक्रिय सूचना प्रसार, गलत सूचनाओं का मुकाबला करने और मतदाता जागरूकता को बढ़ावा देने के लिए एक प्रभावी संचार रणनीति विकसित करना है; निर्वाचन पंजीकरण नियम 1960, निर्वाचन संचालन नियम 1961 तथा समय-समय पर “निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्देशों का पालन किया जाएगा। अपने संबोधन में भारत निर्वाचन आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने चुनावी प्रक्रिया में एक प्रमुख हितधारक के रूप में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका को स्वीकार करते हुए डिजिटल रूप से मध्यस्थता वाली सूचना दुनिया में चुनावी प्रक्रियाओं में मतदाताओं के विश्वास को बनाए रखने में तथ्यात्मक, समय पर और पारदर्शी संचार के महत्व पर जोर दिया। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि चुनावी प्रक्रिया में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रहती है!ल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में राजस्थान का प्रतिनिधित्व करते हुए डॉ. रेणु पुनिया ओएसडी(प्रशिक्षण)स्वीप कंसल्टेंट शिखा सोनी एवं सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की और राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा नामित करौली जिले से सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग के सहायक निदेशक धर्मेन्द्र कुमार मीना ने भाग लिया, इस दौरान सहायक निदेशक के द्वारा इस संबंध में अपने विचार व्यक्त कर विभिन्न सुझाव दिए गए,इस कार्यक्रम के विषय चुनावों में मीडिया प्रबंधन, सोशल मीडिया रणनीतियों और सार्वजनिक संचार की समझ के संबंध’ पर मीणा ने अपने विचार व्यक्त किए, इसके अलावा देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव एवं विचार प्रस्तुत किए।