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बिजली विभाग के लाइनमैन ने शिकायत के चलते महिला शिक्षक को जातिसूचक शब्दों से किया प्रताड़ित,

बिजली विभाग के लाइनमैन ने शिकायत के चलते महिला शिक्षक को जातिसूचक शब्दों से किया प्रताड़ित,Electricity department lineman complained

– घाड़ थाना पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं की-कलेक्टर व एसपी से लगाई न्याय की गुहार,

– घाड पुलिस ने राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में लाइनमैन की रिपोर्ट पर शिक्षिका के खिलाफ राजकार्य में बाधा का दर्ज कर लिया झूठा केस,

– महिला शिक्षिका ने न्यायालय का सहारा लेकर दर्ज कराया इस्तगासा

टोंक।स्मार्ट हलचल/मीणा युवा जनक्रांति संगठन राजस्थान के बैनर तले शुक्रवार को घाड़ थाना क्षेत्र के बाजोली गांव निवासी सरकारी अध्यापिका अनुराधा मीणा के साथ बदसलूकी कर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करने के मामले में विद्युत विभाग के लाईनमैन रामप्रसाद जाट सहित उसके साथियों के विरूद्ध कार्यवाही की मांग को लेकर जिला कलेक्टर टोंक को ज्ञापन सौंपा है, जिस पर जिला कलेक्टर ने पीड़िता शिक्षिका के मामले में जांच पड़ताल करवाकर कार्यवाही का भरोसा दिलाया है। इससे पूर्व भी पीड़िता महिला व उसके परिजनों द्वारा 29 अप्रैल को जिला पुलिस अधीक्षक को भी ज्ञापन सौंपकर कार्यवाही की मांग की जा चुकी है, लेकिन सिवाय आश्वासन के आज तक कोई कार्यवाई नहीं हुई हैं।
मीणा युवा जनक्रांति संगठन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष एवं राजस्थान हाईकोर्ट के एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने बताया कि जिले के घाड़ थाना क्षेत्र के बाजोली गांव निवासी सरकारी अध्यापिका अनुराधा मीणा ने अपने मकान के ऊपर से गुजर रही 11 केवी विद्युत लाईन के तार ढीले होने पर जनहानि का अंदेशा जताते हुए विद्युत विभाग से कार्यवाही की मांग की गई थी, उन्होंने संबंधित विद्युत विभाग में मौखिक व ऑनलाइन शिकायत भी पूर्व में कई बार दर्ज करवाई हुई थी। जिनको लेकर बीते दिनों 28 अप्रैल को विद्युत विभाग के लाइनमैन रामप्रसाद जाट ने शिक्षिका के घर पर आकर की गई शिकायत का उलाहना देकर धमकाते हुए जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया कि तुम मीणाओ के शिकायत के अलावा कोई काम नहीं हैं क्या, महिला शिक्षिका द्वारा विरोध करने पर लाइनमैन ने महिला के साथ हाथापाई कर उसका गला दबाकर नीचे गिरा दिया और मारपीट करने लगा। महिला की आवाज सुनकर उसका पति व देवर आया तो उक्त लाइनमैन ने उन्हें भी जातिसूचक शब्दों से प्रताड़ित किया। वहीं लाइनमैन ने अपने आपको राजनैतिक प्रभाव वाला बताते हुए पीड़िता महिला सहित उसके परिजनों को धमकाया। बाद में उक्त लाईनमेन ने अपने अन्य साथियों को बुलाकर घाड़ थाने में महिला शिक्षिका व उसके परिजनों पर झूठे तरीके से षडयंत्र रचकर अपने व साथियों के बचाव में उल्टा राजकार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज करवा दिया। वहीं जब महिला शिक्षिका अपने साथ हुई घटना की रिपोर्ट लेकर घाड़ थाने में पहुंची तो वहां पर पुलिस द्वारा उसकी रिपोर्ट लिखने की बजाय राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में पुलिस द्वारा उल्टा महिला को ही धमकाया गया। अगले दिन पीड़िता ने जब 29 अप्रैल को टोंक पहुंचकर जिला पुलिस अधीक्षक को शिकायत देकर कार्यवाही की मांग की थी, लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक के आश्वासन के बावजूद भी घाड़ थानाधिकारी द्वारा एक अनुसूचित जनजाति की महिला शिक्षिका का मामला दर्ज नहीं किया गया। वहीं एडवोकेट लाखन सिंह मीणा ने महिला शिक्षिका की ओर से कोर्ट इस्तगासा दायर करवाकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।
——- राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में घाड़ थानाधिकारी बने हुए हैं कठपुतली-पुलिस की कार्यशैली पर उठते सवालिया निशान ———-
वहीं घाड़ थानाधिकारी देवेन्द्र सिंह से मीडियाकर्मी द्वारा जानकारी लेने पर उन्होंने बताया कि महिला शिक्षिका व उसके परिजनों पर लाइनमैन के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा पहुंचाकर बंधक बनाने के आरोप है तथा ऊपर से दबाव और उच्चाधिकारियों से भी निर्देश प्राप्त हैं कि उक्त महिला आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करें। अब घाड़ थानाधिकारी द्वारा महिला की रिपोर्ट दर्ज नहीं करने तथा आरोपियों को संरक्षण देते हुए राजनैतिक दबाव में प्रार्थिया व उसके परिवारजनो को गिरफ्तार करने पर आमादा है। थानाधिकारी देवेन्द्रसिंह के बताए अनुसार मामले में पुलिस की कार्यशैली पर अब यह भी सवाल उठते नजर आ रहे हैं कि क्या पुलिस “आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय” वाली थीम से भटककर राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव में एक तरफा कार्यवाही करते हुए किसी को भी गिरफ्तार कर लेगी या एक पक्ष का ही मामला दर्ज कर दूसरे पक्ष की बिल्कुल भी सुनवाई नहीं करेगी। अब देखना यह भी होगा कि क्या घाड थाना पुलिस व प्रशासन एक सरकारी शिक्षिका को न्याय दिला पाएगा या फिर लाईनमेन को ही संरक्षण देकर पीड़िता शिक्षिका को राजनैतिक व प्रशासनिक दबाव का शिकार बनाकर आरोपी साबित कर देगी।

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