(शीतल निर्भीक ब्यूरो)
निजीकरण,स्मार्ट मीटर छंटनी पर बनारस में गरजी संघर्ष सेना 14 दिसंबर को दिल्ली में निर्णायक रणभेरी”
वाराणसी।स्मार्ट हलचल|उत्तर-प्रदेश के पूर्वांचल व दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के खिलाफ चल रहा बिजलीकर्मियों का महाआंदोलन आज मंगलवार को 377वें दिन भी पूरे जोश के साथ बनारस में फूटा। अधीक्षण अभियंता कार्यालय सिगरा पर पेंशनर्स, नियमित कर्मचारियों और महिलाकर्मियों ने एलएमवी -10 श्रेणी में स्मार्ट मीटर लगाने के निर्णय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन करते हुए वर्ष 2000 में राज्य सरकार व संयुक्त संघर्ष समिति के बीच हुए समझौते को लागू करने की मांग उठाई।
इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डालने व निजीकरण की राह आसान करने वाला कदम है, जिसे किसी भी हालत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। सभा में यह तय हुआ कि पेंशनर्स और संघर्ष समिति संयुक्त रूप से प्रबंध निदेशक को मांगपत्र सौंपेंगे जिसमें सभी कर्मचारियों और पेंशनर्स की समस्याओं का विस्तार से उल्लेख होगा। संविदाकर्मियों की बिना मानक हो रही छंटनी को अत्याचार बताते हुए संघर्ष समिति का प्रतिनिधिमंडल जल्द ही प्रबंध निदेशक से मिलकर हस्तक्षेप की मांग करेगा क्योंकि छंटनी से न केवल हजारों परिवारों की जीविका खतरे में पड़ रही है बल्कि राजस्व वसूली और अनुरक्षण कार्य भी प्रभावित होने की आशंका है।
आंदोलनकारी नेताओं ने बताया कि बिजली निजीकरण और इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2025 के विरोध में अब बिजलीकर्मियों को किसान संगठनों और ऑल इंडिया ट्रेड यूनियनों का भी मजबूत साथ मिल गया है। इसी एकजुटता को अंतिम रूप देने और देशव्यापी संघर्ष की रूपरेखा तय करने के लिए 14 दिसंबर को दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई गई है, जिसमें निर्णायक कार्यक्रमों की घोषणा की जाएगी। वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा पूरे ऊर्जा क्षेत्र के निजीकरण की दिशा में बढ़ाया जा रहा कदम, राज्यों पर निजीकरण के विकल्प थोपने का दबाव और बिल 2025 का ड्राफ्ट जनता के हितों पर गहरा प्रहार है। इसलिए यह लड़ाई अब केवल कर्मचारियों की नहीं बल्कि हर उपभोक्ता की है।
सभा को ई. ए.के. सिंह,आतिन गांगुली, आर.के. वाही,ई.अवधेश मिश्रा, ओ.पी. सिंह,अंकुर पांडेय, हेमंत श्रीवास्तव, अभिषेक सिंह, अभिषेक शुक्ला,आशुतोष पांडेय, जियुतलाल, के.पी. दुबे, सुरेशचंद, राजेश श्रीवास्तव और गुलशन कुमार ने संबोधित किया। जानकारी मीडिया प्रभारी अंकुर पांडेय ने दी कि संघर्ष अब निर्णायक मोड़ पर है। सरकार यदि नहीं मानी तो आंदोलन statewide से nationwide रूप में उभरकर सामने आएगा।


