लाड़ली बिटिया अभियान के स्थापना दिवस पर प्रतिभाशाली बेटियों का किया सम्मान, जागरुकता सेमिनार आयोजित
(पंकज पोरवाल)
भीलवाड़ा। स्मार्ट हलचल/आज बेटियां किसी भी मायने में बेटों से कम नहीं है। हमें मानसिकता बदलनी होगी। बेटी सशक्त होगी तो समाज और देश सशक्त होगा। ये विचार मुख्य अतिथि जिला शिक्षा अधिकारी योगेश चंद्र पारीक ने आज सुबह लाड़ली बिटिया अभियान संस्थान के पांचवें स्थापना दिवस पर आयोजित जागरुकता सेमिनार में व्यक्त किए। कार्यक्रम पीएम श्री राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय बापूनगर में हुआ। डीईओ पारीक ने कहा कि बेटियों को आगे बढऩे का मौका देना होगा। हमारे घर में बेटी आए, ये सोच लानी होगी। कुछ शब्द जैसे पोस्टमैन, ड्राइवर, चेयरमैन आदि हमेशा पुल्लिंग शब्द ही रहे हैं। उनमें भी समय के अनुसार बदलाव होकर स्त्रीलिंग शब्द आवश्यक है, इसका उल्लेख भी हो तो अच्छा होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्कूल प्रिंसीपल अवधेश कुमार शर्मा ने कहा कि बेटियों का स्वाभिमान बहुत जरूरी है। हमारा स्कूल बेटियों के लिए जो कुछ भी कर रहा है, वह कोई अहसान नहीं। ये तो हमारा दायित्व है। क्षेत्रीय पार्षद लव जोशी ने कहा-बेटियां खूब पढ़ें, खेलें और आगे बढ़ें। लाड़ली बिटिया अभियान संस्थान के अध्यक्ष ललित ओझा ने संस्थान के उद्देश्य बेटियों के संरक्षण, संस्कार और सम्मान के बारे में बताया। उन्होंने बेटियों को सशक्त बनाने के लिए जल्द ही कैंप लगाकर सेल्फ डिफेंस की निशुल्क ट्रेनिंग देने की घोषणा की। प्रतिभाशाली बेटियों का सम्मान लाड़ली बिटिया अभियान ने छह प्रतिभाशाली बेटियों पूजा वैष्णव, निशा सुवालका, अनिषा चौधरी, दीक्षा चौधरी, सिद्धिका कंवर राठौड़, इंटरनेशनल खिलाड़ी सुधा कुमारी जाट एवं प्रिंसीपल अवधेश कुमार शर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में लाड़ली बिटिया अभियान संस्थान के संरक्षक केएल गिल्होत्रा व शंभूलाल जोशी, लाडो स्पोट्र्स एकेडमी अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह राठौड़ भी मंचासीन थे। 1300 बेटियों को दिलाई शपथ अंत में 1300 बेटियों एवं स्टाफ को बेटियों के संरक्षण, संस्कार व सम्मान की शपथ दिलाई गई। सचिव संजय झा ने आभार जताया। संचालन कोषाध्यक्ष सुरेंद्र जैन ने किया। कार्यक्रम में वाइस प्रिंसीपल अनिता शर्मा, शिक्षक ममता खारोल, सुनीता जोशी, कार्यक्रम संयोजक अरुण मुछाल, सदस्य सत्यदेव व्यास, लक्ष्मीलाल गांधी, नरेश उपाध्याय, सुरेश नागौरी, अशोक बिड़ला, दिनेश भट्ट, चंद्रप्रकाश ओझा सहित अनेक स्टाफ उपस्थित थे।