- – देवस्थान विभाग के प्रत्येक मंदिर में रहनी चाहिए स्वच्छता तथा प्रतिदिन पूजा और घी का दीया होना चाहिए
- – गुप्ता के निर्देश पर देवस्थान विभाग के अधिकारियों के दल ने डूंगरपुर शहर के मंदिरों का किया दौरा
- – माननीय प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी के स्वच्छ मंदिर प्रांगण के संदेश को देवस्थान को अपनाना है
- – मंदिरों के गर्भ गृह और प्रांगण को स्वच्छ रखना देवस्थान के पुजारी की जिम्मेदारी है
रितिक मेहता
डूंगरपुर, स्मार्ट हलचल। डूंगरपुर में स्वच्छता, जल क्रांति और पर्यावरण संरक्षण की अलख जागते हुए डूंगरपुर का नाम राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचने वाले पूर्व सभापति नगर परिषद डूंगरपुर केके गुप्ता द्वारा अब नगर के मंदिरों और धार्मिक स्थलों की स्वच्छता बनाए रखना का बीड़ा उठाया गया है। गुप्ता स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण राजस्थान सरकार में प्रदेश समन्वयक मनोनीत है तथा कुछ दिन पूर्व उन्होंने राजस्थान सरकार के मुख्य सचिव महोदय से शिष्टाचार भेंट की थी जहां गुप्ता द्वारा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए गए कार्यों को समाहित एक एल्बम तथा साहित्य अवलोकन के लिए दिया गया था। इसके पश्चात मुख्य सचिव महोदय द्वारा गुप्ता को राज्य सरकार के देवस्थान विभाग के तहत आने वाले समस्त मंदिरों में उचित साफ सफाई की व्यवस्था तथा मंदिर की जमीनों को अतिक्रमण से मुक्त करने के संबंध में दायित्व दिया गया।गुप्ता ने बताया कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र भाई मोदी और राजस्थान के ओजस्वी मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का भी यह विजन है कि मंदिरों और धार्मिक स्थान पर स्वच्छता होनी चाहिए। दोनों ही माननीय व्यक्तित्व द्वारा कुछ महीने पूर्व मंदिरों में स्वयं साफ सफाई करते हुए आम जनता को स्वच्छता का संदेश भी दिया गया था। गुप्ता द्वारा देवस्थान विभाग आयुक्त कार्यालय उदयपुर को पत्र लिखते हुए निर्देश दिए गए थे कि उदयपुर और डूंगरपुर के मंदिरों में स्वच्छता, पुजारी, पूजन भोग आदि की उचित व्यवस्था रखी जाए तथा पुजारी को दिए जाने वाले मानदेय और मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए अब तक खर्च किया गया बजट का विवरण भी मांगा गया। जिसके तहत विभाग के सहायक आयुक्त कार्यालय ऋषभदेव से अधिकारी दीपिका मेघवाल और उनका दल डूंगरपुर पहुंचा। गुप्ता ने बताया कि यह शहर मंदिरों का शहर है। ऐेसे में सरकार को मंदिरों के पर्यटक लिहाज तथा उनके उचित संरक्षण और संर्वधन के लिहाज से निखारना जरूरी है। ऐसे में उन्होंने शहर के तीन मंदिरों शहर के नवा महादेव मंदिर, शहर के हडमतपोल स्थित प्राचीन रघुनाथजी मंदिर एवं तहसील चौराहा के पास स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर का निरीक्षण करवाया। यहां उन्होंने मंदिर में छतों पर चायना मोजक, रंगरोगन, स्टील फ्रेम गेट, विद्युत सजावट, पार्क आदि के बंदोबस्त करने के साथ ही आवश्यक मरम्मत के प्रपोजल पीडब्ल्यूडी से बनवाए। इसमें नवा महादेव में 20 लाख, सिद्धेश्वर महादेव मंदिर में 7.49 लाख एवं रघुनाथजी मंदिर के 4.71 लाख रुपए के प्रस्ताव बनाए हैं। नवा महादेव मंदिर में उचित सफाई व्यवस्था नहीं पाई गई तथा निरीक्षण में यह तथ्य भी सामने आया कि नया महादेव मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण किया गया है।
घाटी स्थित कालिका माता मंदिर का होगा जीर्णोधार
शहर के प्राचीन एवं शहरवासियों की अगाध आस्था का केन्द्र घाटी स्थित कालिका माता मंदिर का जल्द ही जीर्णोद्धार होगा। देवस्थान विभाग अंतर्गत कालिका माता मंदिर काफी प्राचीन है तथा यहां की मौजूदा स्थिति काफी जीर्ण-शीर्ण है। ऐसे में देवस्थान विभाग ने मंदिर के जीर्णोद्धार का निर्णय लिया है। करीब तीन लाख रुपए का बजट स्वीकृत करते हुए निविदाएं करवाई हैं। जल्द कार्यादेश जारी होने के साथ ही मंदिर का कायाकल्प होगा। जीर्णोद्धार कार्य को लेकर देवस्थान विभाग की सहायक आयुक्त दीपिका मेघवाल, निरीक्षक बृजेश कुमार, प्रबंधक अमरसिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग से सहायक अभियंता दिनेश पंड्या, नगर उपखंड से सहायक अभियंता दीपिका पाटीदार और कनिष्ठ अभियंता तन्वी कलाल ने निरीक्षण करते हुए जल्द ही कार्य शुरू करवाने का आश्वासन दिया।
देवस्थान विभाग के अधिकारियों और पुजारी ली लिए बैठक
गुप्ता द्वारा मंदिरों के निरीक्षण के पश्चात अपने डूंगरपुर आवास पर देवस्थान विभाग के सभी 30 मंदिरों के पुजारी और सेवकों की आवश्यक बैठक ली गई। गुप्ता ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि मंदिरों की जमीनों पर 1 इंच का भी अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। देवस्थान विभाग के तहत डूंगरपुर जिले के 30 मंदिर आते हैं। विभाग के तहत आने वाले मंदिरों की जमीन से संबंधित विवाद का निस्तारण करने के लिए कार्यवाही प्रारंभ की जाएगी। मंदिरों की जमीनों को शीघ्र ही अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा। गुप्ता ने कहा कि नगर के सभी मंदिरों में उचित साफ सफाई, बिजली, श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था रहनी चाहिए क्योंकि मंदिर सबसे पवित्र स्थान होता है और यहां पर यदि गंदगी रहेगी तो मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं को भी परेशानी होगी। इसके साथ ही प्रत्येक मंदिर में पुजारी होने चाहिए जिनके द्वारा दिन के दोनों समय में भगवान की आरती, पूजन और घी का दीया होना चाहिए।
बैठक में यह दिए सख्त निर्देश
राधा कृष्ण के मंदिर पर पुजारी की नियुक्ति शीघ्र की जाएगी। नया महादेव मंदिर (नीलकंठ मंदिर) में फैल रही गंदगी की पुनरावृत्ति न होने के निर्देश जारी किए तथा सफाई व्यवस्था में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने की हिदायत दी। इंजीनियरिंग की गली में भगवान गणेश मंदिर पर शीघ्र होगी पूजा, सामग्री की व्यवस्था तथा मंदिर को देवस्थान विभाग में सम्मिलित करने के निर्देश दिए। सप्ताह में एक दिन सभी मंदिरों में व्यवस्थाओं की रिपोर्ट देवस्थान विभाग ऋषभदेव कार्यालय के प्रबंधक श्री अमर सिंह द्वारा दी जाएगी तथा उनके द्वारा निरीक्षण भी किए जाएंगे। पिछले 3 वर्ष से नया महादेव मंदिर, उदयपुर रोड़ (नीलकंठ महादेव मंदिर) के पुजारी को राशि नहीं मिलने की शिकायत पर शीघ्र होगी कार्यवाही और देवस्थान विभाग के समस्त मंदिरों की जमीनों को चिन्हित करने के निर्देश डूंगरपुर तहसीलदार को जारी किए।
देवस्थान विभाग के तहत डूंगरपुर के यह मंदिर है सम्मिलित
देवस्थान विभाग ऋषभदेव कार्यालय सहायक आयुक्त दीपिका मेघवाल ने बताया कि डूंगरपुर जिले में देवस्थान विभाग के तहत कुल 30 मंदिर आते हैं। जिसमें राजकीय प्रत्यक्ष प्रभार मंदिर की श्रेणी में श्री महाकालेश्वर मंदिर, कालका माताजी मंदिर, रघुनाथ जी मंदिर, भस्मास्वामी मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, मुरलीधरजी मंदिर, गणपति जी मंदिर, चंद्र रामेश्वर जी मंदिर, बरदेश्वेर महादेवजी मंदिर, माताजी अखाड़ा मंदिर, बटुक माताजी मंदिर, धनेश्वर महादेव जी मंदिर, मुरलीधर जी लक्ष्मीवर मंदिर, जसवंत गणेश जी मंदिर, लाभ गणपति जी मंदिर, खेड़ापति हनुमान जी मंदिर, सत्यनारायण जी मंदिर, सिद्धेश्वर महादेव जी मंदिर, अंबा माताजी मंदिर, मुरला गणेश जी मंदिर, नीलकंठ महादेव जी मंदिर, हनुमान जी मंदिर, छोटा ख्वास जी मंदिर सुरपुर, माधव राय जी मंदिर सुरपुर, मुरलीधर जी मंदिर हथाई, महादेव जी मंदिर हथाई, भुवनेश्वर महादेव जी करौली, रामचंद्र जी मंदिर कुआ, मुरली मनोहर जी मंदिर घुघरा, विभाग के तहत आत्मनिर्भर श्रेणी के मंदिर में विजवा माताजी मंदिर गांव मोदपुर और राजकीय सुपुर्दगी श्रेणी के मंदिर में श्री मंगलेश्वर जी (परमहंस महादेव मीराहरजी) हायर सेकेंडरी स्कूल के पास डूंगरपुर सम्मिलित है।
पूर्व में भी गुप्ता द्वारा नगर के मंदिरों का कराया गया है जीर्णोधार
अपने सभापति कार्यकाल के दौरान गुप्ता द्वारा नगर के 19 मंदिरों का जीर्णोधार का कार्य कराया गया। शहर में कई वर्षों से जीर्ण शीर्ण और उपेक्षित पड़े मंदिरों का कायाकल्प करते हुए यहां आध्यात्मिक ऊर्जा के प्रतीक को जीवित कर दिया गया। जन सहयोग द्वारा इन मंदिरों में त्योहारों के समय रंग रोगन और आकर्षक विद्युत सज्जा द्वारा सजाया भी जाता रहा है। डूंगरपुर नगर के अधिष्ठाता भगवान मुरला गणेश मंदिर परिसर के विकास कार्य में भी तत्कालीन नगर परिषद बोर्ड द्वारा लगभग एक करोड रुपए खर्च किए गए हैं।