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ग्लोबल माइनिंग सेक्टर में एनर्जी ट्रान्जिशन के लिए लगभग 1.7 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता – प्रिया अग्रवाल हेब्बार

(पंकज पोरवाल)

भीलवाड़ा।स्मार्ट हलचल/दावोस में वल्र्ड इकाॅनोमिक फोरम में हिन्दुस्तान जिंक की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल ने ग्लोबल ट्रान्जिशन से क्लिन एनर्जी में भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला दावोस में आयोजित वल्र्ड इकाॅनोमिक फोरम में, हिन्दुस्तान जिं़क लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कई मौकों पर ग्लोबल एनर्जी ट्रान्जिशन से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर संबोधित किया। उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों के महत्व, जलवायु कार्रवाई रणनीतियों के भविष्य, मूल्य श्रृंखला में सस्टेनेबिलिटी को शामिल करने, महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने और भारत की कार्यबल क्रांति को आगे बढ़ाने के बारे में बात की। वे उन कुछ भारतीय महिला उद्यमियों में से थीं, जिन्होंने इस प्रतिष्ठित मंच पर वेदांता और हिन्दुस्तान जिं़क का प्रतिनिधित्व किया, जहां बडे उद्योगपति, राजनीतिक क्षेत्र से जुडे लोग, शिक्षाविद और विद्वान दुनिया की स्थिति को बेहतर बनाने के मिशन के साथ संवाद किया।

विश्व आर्थिक मंच में बोलते हुए, भारत की सबसे बड़ी और दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी एकीकृत जस्ता उत्पादक, हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड की चेयरपर्सन प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने कहा कि, ग्लोबल एनर्जी ट्रान्जिशन को सक्षम करने के लिए दुनिया को माइनिंग सेक्टर में अनुमानित 1.7 ट्रिलियन डॉलर के निवेश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जबकि अमेरिका, चीन और मध्य पूर्व जैसे देशों ने प्राकृतिक संसाधनों पर अपनी अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ाया है, भारत के पास अभी अवसर है क्योंकि इसके प्राकृतिक संसाधनों के 15 प्रतिशत से भी कम भंडार का उपयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह भारत के लिए अपने संसाधनों का बेहतर उपयोग करने का महत्वपूर्ण अवसर है, ताकि खनन को न्यूनतम इनवेसिव बनाने और क्लीन एनर्जी की ओर बदलाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सही तकनीक और नवाचार से लैस किया जा सके। उन्होंने खनन क्षेत्र को पुनर्जीवित करने में भारत सरकार के सक्रिय उपायों की सराहना की। उन्होंने सरकार की प्रमुख पहलों जैसे कि महत्वपूर्ण खनिजों के मिशन की शुरूआत और महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों की नीलामी पर प्रकाश डाला, जिससे सतत विकास और विकास के नए अवसर सृजित हुए हैं। उन्होंने कहा कि ये प्रयास पहले से ही सफल रहे हैं, वेदांता छह महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉकों के लिए पसंदीदा बोलीदाता के रूप में उभर रहा है, जिससे इस क्षेत्र में परिवर्तनकारी प्रगति का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। उन्होंने पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाकर वेदांता और हिन्दुस्तान जिं़क के सस्टेनेबल खनन के प्रति समर्पण को रेखांकित किया। वेदांता 2050 तक नेट-जीरो हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है और हिन्दुस्तान जिं़क उससे पहले ही अपने नेट-जीरो लक्ष्यों को हासिल करने की ओर अग्रसर है। प्रिया अग्रवाल ने कहा कि हिन्दुस्तान जिं़क को एसएंडपी ग्लोबल कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट द्वारा लगातार दूसरे वर्ष दुनिया की सबसे सस्टेनेबल मेटल और माइनिंग कंपनी के रूप में नंबर 1 स्थान दिया गया है। रिन्यूएबल एनर्जी को अपनाकर और 2030 तक पूरी तरह से बैटरी से चलने वाले लॉजिस्टिक्स सहित बैटरी से चलने वाले वाहनों के संचालन से , वेदांता और हिन्दुस्तान जिं़क उस ओर बढ़ रहे हैं जहां दीर्घकालिक व्यावसायिक विकास के लिए सस्टेनेबिलिटी सबसे अच्छा रास्ता है। उन्होंने आगे वेदांता और हिन्दुस्तान जिं़क के लिथियम के लिए सस्टेनेबल और लागत प्रभावी विकल्प के रूप में जिं़क आधारित बैटरी विकसित करने में अभिनव प्रगति को रेखांकित किया। प्रिया अग्रवाल हेब्बार ने बताया कि हम पहले से ही इस क्षेत्र में कुछ पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े एकीकृत जस्ता उत्पादक और तीसरे सबसे बड़े चांदी उत्पादक के रूप में हिन्दुस्तान जिं़क इस तकनीक को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी और वैश्विक संस्थानों के साथ सहयोग कर रहा है, जो पर्यावरण के अनुकूल समाधान पेश कर ऊर्जा भंडारण बाजार को बाधित कर सकता है।” अंत में उन्होंने हिंदुस्तान जिंक की अपने परिचालन का महत्वपूर्ण रूप से विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजनाओं को प्रस्तुत किया।

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