Homeराजस्थानगंगापुर सिटीबढ़ते घरेलू अपराध समाजिक और पारिवारिक मूल्यों के क्षरण का संकेत-किरोड़ी सांकड़ा

बढ़ते घरेलू अपराध समाजिक और पारिवारिक मूल्यों के क्षरण का संकेत-किरोड़ी सांकड़ा

सवाई माधोपुर। स्मार्ट हलचल|किरोड़ी सांकड़ा ने अपने स्वलिखित आलेख में बताया कि कभी घर को सुरक्षित ठिकाना कहा जाता था जो प्यार, अपनापन और विश्वास का प्रतीक हुआ करता था लेकिन आज कई बार हिंसा, क्रूरता और अपराध का केन्द्र बनता जा रहा हैं। घरेलू अपराधों में हो रही निरंतर वृद्वि केवल कानून व्यवस्था को चुनौती नहीं हैं बल्कि यह हमारे सामाजिक और पारिवारिक मूल्यों के क्षरण का संकेत है। हमारी चुप्पी इन अपराधों की सबसे बड़ी ताकत बन गई है। सवाल यह है की घर की दीवारों के पीछे इतना अंधेरा क्यों पिछले कुछ वर्षों में घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, बाल शोषण, बुजुर्गों के साथ अत्याचार के मामले भयावह गति से बढ़े हैं। लॉकडाउन के दौरान, जब घरों को सबसे सुरक्षित माना जा रहा था, तभी घरेलू हिंसा, दहेज हत्या, बाल शोषण, और बुजुर्गो पर अत्याचार के मामले रिकॉर्ड स्तर पर बढे थे। जो जगह सबसे सुरक्षित और जहां प्यार होना चाहिए था वहां महिलां, बच्चे, बुजुर्ग सबसे ज्यादा असुरक्षित हो गए। जहां विश्वास होना चाहिए वहां शक और हिंसा का बोलबाला है।
घरेलू हिंसा और अपराध का बढ़ता दायरा:- वर्तमान समय में आर्थिक तनाव, बेरोजगारी, नशे की लत, अहंकार और सबसे बड़ी बीमारी ‘संवाद का अभाव’ की वजह है कि पति-पत्नी के रिश्ते रणभूमि बन गए। रिश्ते टूट रहे हैं क्योंकि हम सुनना नहीं चाहते ना समझना चाहते। नतीजा रिश्ते टूट रहे हैं और घर जघन्य अपराधों के अड्डे बन रहे हैं। घरेलू हिंसा अधिनियम, दहेज निषेध कानून हैं, लेकिन हकीकत में पीड़ित महिला या बच्चा पुलिस स्टेशन तक पहुंचने से डरता है। क्योंकि समाज कहता है घर की बात घर में रहने दो।’ यही चुप्पी अपराधियों को ताकत देती है।
समाधान कानून से आगे बढ़कर सामाजिक जागरूकताः- सिर्फ कानून बनाकर हम इस समस्या को खत्म नहीं कर सकते। हमें पारिवारिक शिक्षा, काउंसलिंग, और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और प्रभावी बनाना होगा। अगर यह जहर रोकना है तो सिर्फ कानून नहीं, समाज को जागना होगा। पड़ोसी को आगे आना होगा, स्कूलों में रिश्तों की शिक्षा देनी होगी, काउंसलिंग को मजबूती देनी होगी। एक फोन कॉल, एक साहसी कदम किसी की जान बचा सकता है। अगर हमने अब भी आंखें मूंद लीं, तो आने वाली पीढ़ियां घर को सिर्फ चार दीवारें कहेंगी, जहां न प्यार होगा न सुरक्षा। अभी भी वक्त है चुप्पी तोड़िए, आवाज उठाइए। क्योंकि अगर घर में ही खून बह रहा है, तो बाहर का कानून बेबस है।

स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर 31 जनवरी 2025, Smart Halchal News Paper 31 January 2025
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
स्मार्ट हलचल न्यूज़ पेपर  01 अगस्त  2024, Smart Halchal News Paper 01 August 
news paper logo
20250820_1015526615338469596729204
logo
RELATED ARTICLES