शाहपुरा- मूलचन्द पेसवानी
राजस्थान के सुशासन इतिहास में शुक्रवार का दिन स्वर्ण अक्षरों में दर्ज हो गया। शाहपुरा क्षेत्र की बिलिया पंचायत निवासी एक साधारण माँ, प्रियंका गोस्वामी के साहस, दृढ़ता और अपनी बेटी गुंजन गोस्वामी के अधिकारों के लिए किए गए संघर्ष ने पूरे प्रदेश की लाखों बालिकाओं के भविष्य को नई दिशा दे दी है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के संवेदनशील हस्तक्षेप के बाद महिला अधिकारिता विभाग को अपनी गलती सुधारते हुए न केवल गुंजन के लिए संशोधित ₹1,50,000 का संकल्प पत्र जारी करना पड़ा, बल्कि इस निर्णय से पूरे राजस्थान की पात्र बालिकाओं को लाभ मिलना सुनिश्चित हो गया है। मामला तब सामने आया जब 05 मई 2025 के बाद जन्म लेने वाली बालिकाओं को ₹1 लाख के बजाय संशोधित ₹1.50 लाख का संकल्प पत्र दिया जाना था, लेकिन प्रशासनिक त्रुटि के चलते गुंजन गोस्वामी का संकल्प पत्र ₹1 लाख ही जारी कर दिया गया। जब यह गलती सामने आई, तो माँ प्रियंका गोस्वामी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने मुख्यमंत्री को लिखे अपने पत्र में उन्हें ‘भाई’ मानते हुए, भाई दूज के पावन पर्व पर भावनात्मक प्रार्थना की कि उनकी बेटी को उसका पूरा अधिकार दिलाया जाए। इस करुण प्रार्थना को मुख्यमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से लिया और संबंधित विभाग को त्वरित सुधार के निर्देश दिए। हालांकि एक अधिकारी द्वारा शिकायत को अनुचित टिप्पणियों के साथ निस्तारित कर दिया गया था, लेकिन प्रियंका गोस्वामी ने इसे अन्याय मानते हुए पुनः अनुस्मारक भेजा और प्रशासनिक लापरवाही पर कार्रवाई की मांग की। इस संघर्ष की जड़ में सिर्फ ₹50,000 का अंतर नहीं था, बल्कि सरकार से जवाबदेही की उम्मीद रखती एक माँ की अपील थी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तुरंत हस्तक्षेप किया और विभाग को त्रुटि सुधारने का निर्देश दिया। परिणामस्वरूप, गुंजन गोस्वामी के लिए ₹1.50 लाख का संशोधित संकल्प पत्र जारी हुआ। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि सरकार ने यह सुनिश्चित कर दिया कि 05 मई 2025 के बाद जन्मी हर पात्र बालिका को अब ₹1 लाख नहीं, बल्कि ₹1.50 लाख की पूरी राशि ही मिलेगी। प्रियंका गोस्वामी के संघर्ष से आया यह फैसला, पूरी लाडो प्रोत्साहन योजना को पारदर्शिता और न्याय के नए मानक पर ले आया है।
निर्णय के बाद माँ प्रियंका गोस्वामी ने भावुक होकर कहा कि
“आज मैं गर्व से कह सकती हूँ कि राजस्थान में सुशासन स्थापित है। मुख्यमंत्री जी ने एक भाई की तरह मेरी प्रार्थना स्वीकार कर मेरी बेटी का हक लौटाया है। यह जीत सिर्फ गुंजन की नहीं, बल्कि प्रदेश की हर लाडली की है। मैं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा जी की सद्भावना, संवेदनशीलता और न्यायप्रियता को प्रणाम करती हूँ।”
प्रियंका ने अपनी अंतिम इच्छा दोहराई है कि मुख्यमंत्री स्वयं अपने हाथों से संकल्प पत्र प्रदान कर उनकी लाडली को आशीर्वाद दें। इस निर्णय ने राजस्थान की योजनाओं में महिला सम्मान और पारदर्शिता को नई मजबूती दी है। यह सिर्फ एक माँ की विजय नहीं, बल्कि सुशासन की जीवंत मिसाल है।


