कांग्रेस पार्षदो और आयुक्त के बीच घटनाक्रम का मामला, दो कांग्रेस पार्षद जयपुर से गिरफ्तार
अन्य कांग्रेसी पार्षदों ने जयपुर में डाला डेरा, मुख्यमंत्री से मिलकर बताएंगे पूरा घटनाक्रम
स्मार्ट हलचल ,बूंदी। 2 दिन पूर्व नगर परिषद कार्यालय में शहर की विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्षदों और नगर परिषद आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया के बीच हुई बहस के बाद आयुक्त द्वारा पार्षदों के विरुद्ध कोतवाली थाने में दर्ज कराएं मुकदमे में शनिवार सुबह कोतवाली थाना पुलिस ने कांग्रेस पार्टी के पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन और साबिर खान को जयपुर सिविल लाइंस एरिया से हिरासत में लिया है। कोतवाली थाना अधिकारी सहदेव सिंह मीणा ने बताया कि दोनों पार्षदों को आयुक्त द्वारा दर्ज कराया प्रकरण में डिटेल किया है मामले में अन्य पार्षद भी हैं जिनकी तलाश की जा रही है उन्हें भी जल्द पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया जाएगा। उधर कांग्रेस पार्षदों की गिरफ्तारी की खबरें जैसे सोशल मीडिया पर वायरल हुई तो कांग्रेस पार्टी से जुड़े नेता और कार्यकर्ता कोतवाली थाने पहुंचे। कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से जुड़े पार्षदों की इस तरह से गिरफ्तारी पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए रोष प्रकट किया है।
एससी एसटी आयोग अध्यक्ष से मिले कांग्रेस पार्षद, पुलिस पर मुकदमा दर्ज नहीं करने का लगाया आरोप
नगर परिषद कार्यालय में विभिन्न जनसमस्याओं को लेकर कांग्रेस पार्षदों और नगर परिषद आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया के बीच हुई बहस के बाद पुलिस द्वारा पार्षदों की ओर से दी गई रिपोर्ट पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाते हुए पीड़ित कांग्रेस पार्षदों ने शनिवार सुबह राजस्थान एससी एसटी आयोग अध्यक्ष खिलाड़ी लाल बेरवा से मिलकर मामले में दखल देने की मांग की। कांग्रेस पार्षद देवराज गोचर, अंकित बुलिवाल मनोनीत पार्षद भेरूलाल महावर सहित अन्य पार्षदों ने एससी एसटी आयोग अध्यक्ष को परिवाद देकर बताया कि थाना कोतवाली में धारा 332, 353 में आरोपी पार्षद कोंग्रेस पार्टी कार्यकर्ता है, जिनके विरूद्ध नगर परिषद आयुक्त द्वारा झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया है। जिसकी सीआईडी सीबी अथवा अन्य थाने से निष्पक्ष जाँच करवाने व आरोपी गणों द्वारा आयुक्त महावीर सिसोदिया के विरुद्ध कोतवाली थाने मैं शिकायत देने के बावजूद पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई। पार्षदों ने बताया कि कांग्रेस पार्षदो द्वारा महंगाई राहत शिविर मे नगर परिषद कर्मचारीयों द्वारा बरती जा रही
अनियमीतताओं, बूंदी शहर में सांडों से हुई दुर्घटना के कारण व्यक्तियों कि मृत्यु होने से, आडानी समूह को नगर परिषद की बेसक्रिमती भूमि को कोडियों के भाव दिये जाने, शहर का मुख्य मार्ग देवपुरा स्टेशन वाली सड़क की जर्जर अवस्था की बात करने कोंग्रेस पार्षद प्रतिनिधि मंडल आयुक्त से उपसभापति के कक्ष मे उपसभापति के नेतृत्व में वार्ता चल रही थी जिसमे आयुक्त द्वारा साथी कोंग्रेस पाषर्द अंकित बुलिवाल व मनोनित पाषर्द भैरूलाल महावर से अभर्दता करने लगे और जाती सूचक शब्दों से अपमानित करने लगे जिस कारण अन्य 15-16 कोंग्रेस पार्षदों द्वारा आयुक्त को अभद्रता करने से मना किया गया। लेकिन आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया कोंग्रेसी पार्षदों से ही धक्का मुक्की व हाथपाई करने लगे।
घटनाक्रम कि रिपोर्ट कांग्रेस पाषर्द थाना कोतवली मे करने गये तो उक्त रिपोर्ट व पुलिस कार्यवाही से बचने कि नियत से नगर परिषद् आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया ने पार्षदों के पहुँचने के एक घंटे बाद कोतवाली मे रिपोर्ट दर्ज करवाई जिस पर पार्षदो के विरूद्ध थाना कोतवाली द्वारा धारा 332, 353, 379 भा.द.स. मे प्राथमिकी संख्या 143/23 में पंजिबद्ध करली गई थीं परन्तु पाषदों द्वारा दी गई रिपोर्ट में थाना कोतवाली द्वारा न तो प्रकरण दर्ज किया गया ओर न ही नगर परिषद आयुक्त महाबीर सिंह सिसोदिया के विरूद्ध कोई ठोस कार्यवाही कि गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा एकपक्षीय कार्रवाई की जा रही है जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पार्षदों का मनोबल गिर रहा है।
अडानी मामले को सार्वजनिक करने के बाद चर्चा में आए थे कांग्रेसी पार्षद
नगर परिषद बोर्ड में उपसभापति लटूर भाई, पार्षद देवराज गोचर, प्रेम प्रकाश एवरग्रीन, पार्षद अनवर हुसैन, पार्षद भेरूलाल महावर, अंकित बुलीवाल, पार्षद साबिर खान, कांग्रेस नेता महेश शर्मा (झंडू), एडवोकेट वसीम खान, मनोनीत पार्षद अर्जुन डाबोडिया ने गत 28 फरवरी को सर्किट हाउस में पत्रकार वार्ता आयोजित कर नगर परिषद द्वारा अदानी ग्रुप को बेची गई भूमि का मामला सार्वजनिक किया था। पार्षदों ने मीडिया के सामने सभापति मधु नुवाल और आयुक्त महावीर सिंह सिसोदिया पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे।
पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन ने आरोप लगाते हुए कहा था की सिलोर रोड पर अडानी ग्रुप को जो भूमि नगर परिषद द्वारा बेची गई हैं उसकी कीमत बाजार में लगभग 20 से 25 करोड़ है, जिसको मात्र लगभग 9.30 करोड़ रुपये में बेच दिया गया हैं उन्होँने बताया कि यदि पार्षदों से राय ली जाती तो उसके 20 से 25 करोड़ रु मिलते तो नगर परिषद को बड़ी आय होती। पार्षदो ने इस मामले की एंटी करप्शन ब्यूरो से जाच करवाने की मांग की थी। इस मामले को मीडिया में सार्वजनिक करने के बाद से ही कांग्रेस के यह एक दर्जन पार्षद चर्चा में है। शहर की जन समस्याओं से जुड़े मामले समय-समय पर उठाते रहने से सभापति और उनके बीच गहरा असंतोष व्याप्त है। गत बोर्ड बैठक में इन कांग्रेस पार्षदों के नहीं पहुंचने से बैठक को कौरम के भाव में निरस्त भी करना पड़ा था।