Experiences in cleaning staff recruitment
मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
सत्ताधारियों के आगे लाचार दिख रहा प्रशासन
कोटा :स्मार्ट हलचल/पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर सफाई कर्मचारी भर्ती के लिये अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने में भारी नियमितता की बात कही हैं ।गुंजल ने लिखा कि अनुभव प्रमाण पत्र जारी करने के नाम पर भारी अनियमितता व भ्रष्ट्राचार हो रहा हैं उन्होंने कहा कि एक और सत्ताधारियों के इशारे पर संवेदक एक मुश्त पीएफ राशि जमा करवाकर मन चाहे लोगो को प्रमाण पत्र दे रहे हे तो वही दूसरी और नगरीय विकास विभाग का प्रशासन सत्ताधारियों के आगे लाचार नजर आ रहा हैं। गुंजल ने कहा कि कई संवेदक तो ऐसे हैं जिनके पास सफाई कर्मचारी लगाने के कार्यादेश ही नहीं हैं सिविल का कार्य करने वाले संवेदक भी सफाई कर्मचारियों के अनुभव प्रमाण पत्र जारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि संवेदकों व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा सत्ताधारियों को उपकृत करने के चलते हो रही इन अनियमितताओ से वास्तविक बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलावाड़ हो रहा हैं।
जॉच पारदर्शिता पूर्वक पूर्ण न होने तक अस्थायी रुप से भर्ती प्रक्रिया को स्थगित किया जावे
गुंजल ने मांग की कि सफाई कर्मचारी भर्ती 2024 में आवेदकों द्वारा संलग्न अनुभव प्रमाण-पत्रों में प्रतिमाह ईपीएफ राशि जमा होने व सफाई कार्य से संबंधित संवेदक द्वारा जारी अनुभव प्रमाण-पत्र संबंघित सभी तथ्यों की गंभीरतापूर्वक जाँच करके ही आवेदको के आवेदनो को लाटरी प्रक्रिया में सम्मिलित किया जावे तथा संवेदकों द्वारा अनुभव प्रमाण-पत्र जारी किये जाने में हो रही घोर अनियमितता एवं भ्रष्टाचार के प्रति उत्तरदायी अधिकारियों, कर्मचारियों व संवेदकों के विरुद्ध कठोरतम कानूनी कार्यवाही की जाये तथा जब तक उक्त भर्ती प्रक्रिया की जाँच पारदर्शिता पूर्वक पूर्ण ना हो जाये तब तक अस्थायी रुप से भर्ती प्रक्रिया को स्थगित करवाया जावे।
गुंजल ने मुख्यमंत्री के साथ महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो, राजस्थान को भी दी शिक़ायत
गुंजल ने पत्र की प्रति महानिदेशक भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान सहित झाबरसिंह खर्रा, स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री राजस्थान। मुख्य सचिव। प्रमुख शासन सचिव (स्वायत्त शासन विभाग)। मुख्य सतर्कता अधिकारी। निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग जयपुर। उप-निदेशक, स्थानीय निकाय विभाग कोटा को भी भेज कर कार्यवाही की मांग की है।
नगर निगम अजमेर में मिली अनियमितता
गुंजल ने कहा कि सफाई कर्मचारी भर्ती हेतु कार्यालय नगर निगम, अजमेर द्वारा जारी कार्यालय आदेश पत्रांक लेखा-संस्था-362 दिनांक 27/11/2024 के द्वारा कई ऐसे आवेदकों के आवेदन निरस्त कर दिये गये हैं जिसमें उनके द्वारा जारी अनुभव प्रमाण-पत्र में ईपीएफ स्टेटमेंट में ईपीएफ की जमा राशि का विवरण मासिक न होकर नवम्बर 2024 में एकमुश्त जमा होना पाया गया था।
संशोधन/त्रुटि सुधार पोर्टल समय पूर्व बंद
गुंजल ने कहा उक्त भर्ती प्रक्रिया में दिनांक 28 नवम्बर 2024 से 5 दिसम्बर 2024 तक आवेदक अभ्यार्थियों को भर्ती पोर्टल पर जाकर आवेदन में संशोधन/त्रुटि सुधार हेतु समय प्रदान किया गया था, परन्तु दिनांक 28 नवम्बर 2024 से ही उक्त पोर्टल को बंद कर दिया गया है जिस कारण आवेदक अपनी भर्ती आवेदनों में संशोधन नहीं कर पा रहे हैं।
गुंजल पहले भी लिख चुके हैं पत्र
शर्त को बताया था अव्यावहारिक अनियमितता की जता दी थीं आशंका
पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने पूर्व में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नगरीय निकायों में निकायवार रिक्त सफाई कर्मचारियों के पदों की सीधी में अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त को अव्यावहारिक बताया था। गुंजल ने कहा था कि भर्ती हेतु जारी परिपत्र में सफाई कर्मचारी हेतु नगर निगम, नगर परिषद, नगर पालिका में ही काम करने का जो अनुभव प्रमाण पत्र मांगा गया है वह अव्यावहारिक है। उन्होने कहा था कि वाल्मीकि समाज के हजारों लोगों में कितने लोगों को नगरीय निकायों में संविदा/ निविदा पर काम पर लिया जाता है। साथ ही झाड़ू लगाने जैसे काम के लिए यह कहां तक व्यवहारिक है की नगरीय निकायों का ही अनुभव प्रमाण पत्र मान्य होगा। गुंजल ने यह भी कहा था कि वाल्मीकि समाज के गरीब लोग अन्य राजकीय विभागों में संविदा पर, निजी अस्पतालों, होटलो, दुकानों, मेसो यहां तक की गरीब अपनी आजीविका चलाने के लिए 20-20 घरों में 300 रुपए महीने में शौचालय साफ करने तक का काम करते हैं। गुंजल ने मांग की थी कि इस भर्ती में सफाई कर्मचारियों का नगरीय निकायों के अलावा अन्य राजकीय विभागों, अस्पतालों, होटलो, दुकानों, मेसो सहित निजी घरों का भी अनुभव प्रमाण पत्र मान्य होना चाहिए अथवा इस अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त को अविलंभ हटाया जाना चाहिए।