भीलवाड़ा, 5 मार्च: संगम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज ने डॉ. डी.डी. ओझा (वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभागा अध्यक्ष भूजल विभाग जोधपुर तथा वर्तमान में भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय की उच्च स्तरीय संयुक्त हिंदी सलाहकार समिति तथा भारत सरकार की रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय की उच्च स्तरीय हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य ) की विशेष व्याख्यान श्रृंखला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। सत्र प्राचीन भारतीय विज्ञान और अदृश्य प्रदूषण और इसकी रोकथाम के तरीकों पर केंद्रित थे।पहले सत्र में, डॉ. ओझा ने प्राचीन भारत की समृद्ध वैज्ञानिक विरासत पर चर्चा की, जिसमें गणित, खगोल विज्ञान, धातु विज्ञान और चिकित्सा में अभूतपूर्व योगदान पर प्रकाश डाला गया। दूसरे सत्र में अदृश्य प्रदूषण के महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा की गई, जिसमें वायु और जल प्रदूषक शामिल थे जो तुरंत दिखाई नहीं देते लेकिन स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण जोखिम पैदा करते हैं। डॉ. ओझा ने व्यावहारिक और टिकाऊ रोकथाम के तरीकों पर विस्तार से चर्चा की, इस छिपे हुए खतरे से निपटने में सामूहिक जिम्मेदारी का आग्रह किया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. करुणेश सक्सेना ने उपस्थित छात्रों और शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने इस तरह के शैक्षिक सत्रों को विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए आवश्यक बताया। इस अवसर पर स्कूल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड साइंसेज के डीन ने विशेषज्ञ सत्र श्रृंखला के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला और इसके महत्व को रेखांकित किया। उप कुलपति प्रोफेसर मानस रंजन पाणिग्रही ने बताया की इस प्रकार के कार्यक्रम शिक्षा जगत में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करते हैं।कार्यक्रम में छात्रों और शिक्षकों ने सक्रिय रूप से भाग लिया जिससे वैज्ञानिक दृष्टिकोण और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ी। कार्यक्रम के अंत में विज्ञान दिवस पर आयोजित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम का सफल संचालन एमएससी की छात्राओं साक्षी भाटी एवं ईशा गुप्ता ने किया l