कोटा, 3 सितम्बर। स्मार्ट हलचल|आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान (कोटा चैप्टर) के तत्वावधान में ‘नेत्रदान पखवाड़ा’ के अंतर्गत ईथोस हॉस्पिटल, कोटा में बुधवार को नेत्रदान जागरूकता संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
हॉस्पिटल निदेशक प्रदीप दाधीच ने मुख्य अतिथि डॉ. के.के. कंजोलिया, डॉ. सुरेश पाण्डेय, डॉ. राजेश गोयल तथा आई बैंक सोसाइटी के सदस्य अजय गट्टानी का स्वागत किया। कार्यक्रम में चिकित्सकीय एवं नर्सिंग स्टाफ ने नेत्रदान की प्रक्रिया की जानकारी प्राप्त की और अधिक से अधिक लोगों तक संदेश पहुंचाने का संकल्प लिया।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. कंजोलिया ने कहा कि “विश्वभर में हर पाँच सेकंड में एक वयस्क और प्रति मिनट एक बच्चा अंधत्व का शिकार होता है।” उन्होंने बताया कि नेत्रदान पूरी तरह सुरक्षित, रक्तविहीन और मात्र दस मिनट में सम्पन्न होने वाली प्रक्रिया है। इसमें केवल कॉर्निया लिया जाता है और कृत्रिम लेंस लगाकर मृतक का स्वरूप यथावत रखा जाता है, जिससे किसी प्रकार की कुरूपता नहीं आती। 2 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक का कोई भी व्यक्ति नेत्रदान कर सकता है।
आई बैंक सोसाइटी के कोऑर्डिनेटर डॉ. सुरेश पाण्डेय ने ‘आई मॉडल’ की सहायता से विद्यार्थियों को आंख की संरचना और कार्यप्रणाली समझाई। उन्होंने बताया कि मस्तिष्क के बाद शरीर का सबसे जटिल अंग आंख है, जिसमें 20 लाख से अधिक वर्किंग पार्ट्स होते हैं। उन्होंने कॉर्निया, आइरिस, लेंस, रेटिना और रिसेप्टर्स की भूमिका स्पष्ट की और नेत्रदान से जुड़ी भ्रांतियों का निवारण किया।